‘गूंगा पहलवान’ वीरेंद्र सिंह ने हरियाणा सरकार से मूक-बधिर खिलाड़ियों को समान अधिकार देने की मांग की

By भाषा | Published: November 10, 2021 04:33 PM2021-11-10T16:33:07+5:302021-11-10T16:33:07+5:30

'Dumb wrestler' Virendra Singh demands Haryana government to give equal rights to deaf and dumb players | ‘गूंगा पहलवान’ वीरेंद्र सिंह ने हरियाणा सरकार से मूक-बधिर खिलाड़ियों को समान अधिकार देने की मांग की

‘गूंगा पहलवान’ वीरेंद्र सिंह ने हरियाणा सरकार से मूक-बधिर खिलाड़ियों को समान अधिकार देने की मांग की

नयी दिल्ली, 10 नवंबर इस साल पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे गये खिलाड़ियों में शामिल पहलवान वीरेंद्र सिंह यादव ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से राज्य में उनके जैसे मूक बधिर पैरा खिलाड़ियों को समान अधिकार देने की मांग की।

हरियाणा में झज्जर के करीब ससरोली में जन्में सिंह बोल और सुन नहीं सकते। बुधवार को उन्होंने एक पोस्ट साझा की जिसमें उनकी फोटो है और वह अपने पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और अन्य अंतरराषट्रीय पदकों के साथ यहां हरियाणा भवन के बाहर फुटपाथ पर बैठे हुए हैं।

सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री एमएल खट्टर, मैं दिल्ली में हरियाणा भवन में आपके निवास के फुटपाथ पर बैठा हूं और मैं यहां से तब तक नहीं हिलूंगा जब तक आप मूक बधिर जैसे पैरा खिलाड़ियों को समान अधिकार नहीं देते। जब केंद्र हमें समान अधिकार देता है तो आप क्यों नहीं? ’’

केवल मूक बधिर खिलाड़ियों के लिये कोई पैरालंपिक वर्ग नहीं है और मूक बधिर खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय खेल समिति ही उनके लिये टूर्नामेंट आयोजित करती है।

‘डेफलंपिक्स’ को अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति से मान्यता प्राप्त है लेकिन मूक बधिर खिलाड़ी पैरालंपिक खेलों का हिस्सा नहीं होते।

राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिंह को मंगलवार को यहां पद्मश्री से सम्मानित किया और इस फोटो को खट्टर ने भी ट्वीट किया और इस पहलवान को बधाई दी जिनकी जिंदगी से प्रेरित होकर ‘गूंगा पहलवान’ नाम की डाक्यूमेंट्री भी बनायी जा चुकी है।

इस पर सिंह ने कहा कि वह पैरा खिलाड़ियों के लिये भी समान पुरस्कार राशि चाहते हैं और साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस संबंध में बात की है।

डेफलंपिक्स में 74 किग्रा वर्ग में तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतने वाले सिंह ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अगर आप मुझे पैरा एथलीट मानते हैं तो आप पैरा एथलीट वाले सारे अधिकार मुझे क्यों नहीं देते। ’’

उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘पिछले चार वर्षों से मैं दर दर की ठोकर खा रहा हूं। मैं आज भी जूनियर कोच हूं और मुझे कोई नकद पुरस्कार नहीं मिला है। कल मैंने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी से भी बात की थी, अब फैसला आपके हाथ में है।

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Web Title: 'Dumb wrestler' Virendra Singh demands Haryana government to give equal rights to deaf and dumb players

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