कोच ने अमित खत्री को टॉप्स में शामिल करने की मांग की, नजरें 2024 ओलंपिक पर

By भाषा | Published: August 21, 2021 06:21 PM2021-08-21T18:21:03+5:302021-08-21T18:21:03+5:30

Coach demands Amit Khatri to be included in TOPS, eyes 2024 Olympics | कोच ने अमित खत्री को टॉप्स में शामिल करने की मांग की, नजरें 2024 ओलंपिक पर

कोच ने अमित खत्री को टॉप्स में शामिल करने की मांग की, नजरें 2024 ओलंपिक पर

 विश्व अंडर 20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पुरूषों की दस किलोमीटर पैदल चाल में शनिवार को रजत पदक जीतने वाले भारतीय एथलीट अमित खत्री के कोच चंदन सिंह ने 2024 में होने वाले ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए अपने शिष्य को टारगेट ओलंपिक पोडियन योजना (टॉप्स) में शामिल करने की मांग की।चंदन ने कहा कि हरियाणा के रोहतक जिले के खत्री में अगले कुछ वर्षों में शीर्ष श्रेणी के रेस वॉकर बनने की क्षमता है और इसका उद्देश्य 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है।चंदन पुणे में सेना खेल संस्थान में कार्यरत है, उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ उसकी चलने की तकनीक बहुत अच्छी है और वह जल्दी सीख जाता है। वह अगले कुछ वर्षों में देश में शीर्ष पैदल चाल खिलाड़ी बन सकता है लेकिन उसे आगे बढ़ने के लिए धनराशि की आवश्यकता होगी। इसलिए, मैं साइ(भारतीय खेल प्राधिकरण) से उसे टॉप्स योजना में शामिल करने का अनुरोध करता हूं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ लक्ष्य अमित को 2024 के ओलंपिक के लिए तैयार करना है। लेकिन उसके पास कोई प्रायोजक नहीं है, उसे आर्थिक रूप से समर्थन देने वाला कोई नहीं है। उनके पिता बीएसएफ (गैर अधिकारी रैंक) में काम करते हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। ऐसे में अमित के लिए आर्थिक रूप से स्थितियां मुश्किल है।’’साइ की पहल पर टॉप्स योजना 2014 में शुरू हुई थी, जहां सरकार शीर्ष एथलीटों (कोर ग्रुप) को उनके प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के लिए धन देती है। पिछले साल इसका विस्तार कर इसमें जूनियर खिलाड़ियों (विकासात्मक समूह) को शामिल किया गया था। इसमें जूनियर खिलाड़ियों को प्रतिमाह भत्ते (जेब खर्च) के रूप में 25,000 रुपये देने का प्रावधान है।चंदन ने कहा, ‘‘ अमित का परिवार जो कुछ भी कर सकता है वह कर रहा है लेकिन मुझे पता है कि यह उनके लिए मुश्किल है। जब भी वह उत्तराखंड में ट्रेनिंग करता है तो मैं उसके रहने और खाने का ध्यान रखता हूं।’’विश्व चैम्पियनशिप 2013 और 2015 में देश का पैदल चाल में प्रतिनिधित्व कर चुके चंदन ने कहा, ‘‘ कभी-कभी हमें ऊटी (ज्यादा ऊंचाई पर अभ्यास के लिए) जाना पड़ता है और कभी-कभी साइ बेंगलुरु में, इसलिए उसे वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है। उसके लिए डाइट (पोषक खाना) भी है जरूरी है।’’उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैं पहली बार उससे एनआईएस पटियाला में मिला, तो वह बहुत दुबला-पतला था लेकिन मैंने महसूस किया कि उसे पैदल चाल में शीर्ष खिलाड़ी के रूप में तैयार किया जा सकता है। अब वह शारीरिक और फिटनेस के लिहाज से बेहतर स्थिति में है।’’उन्होंने कहा कि खत्री अब 20 किलोमीटर पैदल चाल की तैयारी शुरु करेंगे। वह अगले साल सीनियर राष्ट्रीय पैदल चाल चैम्पियनशिप में भाग लेने की कोशिश करेंगे जिसका आयोजन आमतौर पर फरवरी में होता है।उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उसे धीरे-धीरे उसे 20 किलोमीटर स्पर्धा के लिए तैयार करना है। ओलम्पिक में 10 किलोमीटर स्पर्धा नहीं होती है। हम अगले कुछ महीनों में 20 किमी का प्रशिक्षण शुरू करेंगे। मुझे इसे धीरे-धीरे करना होगा। वह 2024 ओलंपिक में जगह बनाने के लिए राष्ट्रीय सीनियर पैदल चाल स्पर्धा में अगले साल भाग ले सकता है।’’ सत्रह साल के खत्री ने नैरोबी में आयोजित प्रतियोगिता में 42 : 17 . 94 मिनट का समय निकाला । वह कीनिया के हेरिस्टोन वेनिओनी से पीछे रहे जिन्होंने 42 : 10 . 84 मिनट में स्वर्ण पदक जीता । खत्री शुरू से बढत बनाये हुए थे लेकिन आखिरी दो चक्कर में कीनियाई धावक ने उन्हें पछाड़ दिया । स्पेन के पॉल मैकग्रा को कांस्य पदक मिला।

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