जिमनास्टिक: दीपा कर्माकर फाइनल में रहीं पांचवें स्थान पर, भारत का सफर बिना किसी मेडल के समाप्त
By भाषा | Published: August 24, 2018 06:00 PM2018-08-24T18:00:28+5:302018-08-24T18:00:28+5:30
एशियाई खेलों के इतिहास में भारत के नाम सिर्फ एक पदक है जो आशीष कुमार ने 2010 में जीता था।
जकार्ता, 24 अगस्त: भारतीय जिमनास्ट दीपा कर्माकर एशियाई खेलों के महिला बैलेंस बीम स्पर्धा में शुक्रवार को पांचवें स्थान पर रहीं जिससे इस खेल में भारत का सफर बिना पदक के खत्म हुआ। दीपा ने बीम फाइनल में पहुंची आठ खिलाड़ियों में प्रदर्शन करने वाली पांचवीं खिलाड़ी थी और वह 12.500 अंक के साथ इसी स्थान पर रही। उन्होंने क्वालीफिकेशन दौर में 12.750 का स्कोर किया था।
इस स्पर्धा में चीन की चेन यिले ने 14.600 अंक के साथ स्वर्ण, उत्तर कोरिया की किम जोंग सु 13.400 के स्कोर के साथ रजत और चीन की झांग जीन (13.325) ने कांस्य पदक हासिल किया। दीपा पूरी तरह फिट नहीं थी ऐसे में उनके प्रदर्शन को बुरा नहीं कहा जा सकता। बैलेंस बीम उनकी मनपसंद स्पर्धा नहीं है।
रियो ओलंपिक में वह वॉल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं थी लेकिन यहां फाइनल के लिए वह क्वालीफाइ नहीं कर सकी। उनके घुटने की पुरानी चोट फिर से उबर गयी और वह वॉल्ट स्पर्धा में अरूणा बुद्धा रेड्डी और प्रणति नायक से भी पीछे रहीं। दीपा ने महिला टीम फाइनल से नाम वापस ले लिया था जिसमें भारतीय टीम सातवें स्थान पर रहीं।
इस तरह एशियाई खेल में भारत का सफर एक बार फिर बिना पदकों के खत्म हुआ। एशियाई खेलों के इतिहास में भारत के नाम सिर्फ एक पदक है जो आशीष कुमार ने 2010 एशियाई खेलों के फ्लोर एक्ससाईज स्पर्धा में जीता था। अरूणा और प्रणति महिला व्यक्तिगत वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में सातवें और आठवें स्थान पर रही। पुरुष जिमनास्टिक में भी कोई फाइनल में नहीं पहुंच सका। टीम स्पर्धा में पुरूष टीम नौवें स्थान पर रहीं।