Argentina Vs France FIFA World Cup 2022 Final: फुटबॉल का महासमर पहले कदम पर मिली हार, लेकिन हार नहीं मानने का जज्बा और सपना पूरा करने का जुनून। वह सपना जो लियोनेल मेसी पिछले दो दशक से देख रहे हैं और अब करियर के आखिरी पड़ाव पर उसे पूरा करने के लिये बस एक आखिरी तिलिस्म तोड़ना है।
फुटबॉल महासमर के फाइनल में मेसी ने कमाल कर दिया। पहला गोल दागते ही सोशल मीडिया पर छा गए। हाफ टाइम तक अर्जेंटीना 2-0 से आगे है। सात बार बलोन डिओर, रिकॉर्ड छह बार यूरोपीय गोल्डन शूज, बार्सीलोना के साथ रिकॉर्ड 35 खिताब, ला लिगा में 474 गोल , एक क्लब (बार्सीलोना) के लिये सर्वाधिक 672 गोल कर चुके मेसी को विश्व कप नहीं जीत पाने की टीस हमेशा से रही है।
अर्जेंटीना ने जब आखिरी बार 1986 में विश्व कप जीता तब माराडोना देश के लिये खुदा बन गए। उनके आसपास पहुंचने वाले सिर्फ मेस्सी थे लेकिन विश्व कप नहीं जीत पाने से उनकी महानता पर ऊंगलियां गाहे बगाहे उठती रहीं । ऊंगली तब भी उठी जब 2014 में फाइनल में जर्मनी ने अर्जेंटीना को एक गोल से हरा दिया था।
लियोनेल मेसी की अगुवाई में अर्जेंटीना ने गत चैम्पियन फ्रांस के खिलाफ विश्व कप फाइनल में हाफटाइम तक 2 . 0 से बढ़त बना ली। मेस्सी ने 23वें मिनट में पेनल्टी किक पर गोल किया। इसके 13 मिनट बाद एंजेल डि मारिया ने दूसरा गोल दागा। मेसी के अब विश्व कप में पेले के समान 12 गोल हो गए हैं।
वह एक ही विश्व कप में ग्रुप चरण और नॉकआउट चरण के हर मैच में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। मेसी का यह रिकॉर्ड 26वां विश्व कप मैच है और उन्होंने जर्मनी के लोथार मथाउस का रिकॉर्ड तोड़ा। वह 2006 से अब तक पांच विश्व कप में 11 गोल कर चुके हैं।
सवाल तब भी उठे जब इस विश्व कप के पहले ही मैच में सउदी अरब ने मेस्सी की टीम पर अप्रत्याशित जीत दर्ज की। उस हार ने मानो अर्जेंटीना और मेसी के लिये किसी संजीवनी का काम किया। मैच दर मैच दोनों के प्रदर्शन में निखार आता गया और पिछली उपविजेता क्रोएशिया को एकतरफा सेमीमुकाबले में हराकर वह फुटबॉल के सबसे बड़े समर के फाइनल में पहुंच गए।
इस जीत के सूत्रधार भी मेसी ही रहे जिन्होंने 34वें मिनट में पेनल्टी पर पहला गोल दागा और फिर जूलियर अलकारेज के दोनों गोल में सूत्रधार की भूमिका निभाई। आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे अपने देशवासियों के लिये मसीहा बन गए मेसी और पूरे अर्जेंटीना को जीत के जश्न में सराबोर कर दिया। मेस्सी का विश्व कप का सफर 2006 में शुरू हुआ और अब तक वह सबसे ज्यादा 25 मैच खेल चुके हैं।