इंग्लैंड के प्रशंसकों को यूरो 2020 उम्मीद की एक किरण

By भाषा | Updated: July 10, 2021 17:17 IST2021-07-10T17:17:31+5:302021-07-10T17:17:31+5:30

A ray of hope for England fans at Euro 2020 | इंग्लैंड के प्रशंसकों को यूरो 2020 उम्मीद की एक किरण

इंग्लैंड के प्रशंसकों को यूरो 2020 उम्मीद की एक किरण

... टोनी हिक्स ...

लंदन, 10 जुलाई (एपी) जब मैं बहुत छोटा था, तो ‘थ्री लायंस’ नामक फुटबॉल से जुड़े एक गाने को सुनता था, इस गाने को आये 30 साल हो गये लेकिन अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में इन वर्षों में इंग्लैंड का खिताब जीतने का सपना पूरा नहीं हुआ।

खेल से जुड़ी मेरी सबसे पुरानी याद 1970 में मैक्सिको में खेले गये विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड की हार के बाद टेलीविजन स्क्रीन के सामने निराशा में अपने पिता और चचरे भाई को चिल्लाते हुए देखना है।

उस समय मैं इन भावनाओं को समझने के लिए बहुत छोटा था। तीन साल बाद, जब इंग्लैंड वेम्बली में पोलैंड से हार गया और जर्मनी में खेले गये 1974 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहा था, तो यह मेरे जैसे 10 वर्षीय फुटबॉल प्रशंसकों का दिल टूटने जैसा था। इसके बाद अर्जेंटीना (1978) विश्व कप में क्वालीफाई करने में नाकाम रही लेकिन स्कॉटलैंड ने अपनी जगह पक्की की ली इससे हमारी निराशा और बढ़ गयी।

इसके बाद 80 का दशक हमारे लिए कुछ अच्छा रहा जब हम नियमित तौर पर क्वालीफाई करते रहे लेकिन खिताब जीतने में नाकाम रहे।

तमाम निराशाओं के बाद भी फुटबॉल की दीवानगी ऐसी थी कि 1990 में मैंने अपने स्नातक की पढ़ाई पूरी की और मां से कार मांग कर इटली चला गया। घर में बिना बताये तीन सप्ताह तक वहीं रहा और स्टेडियम से बाहर से टिकट खरीद कर मैच देखे। इस विश्व कप में टीम ने हमें खुश होने का मौका दिया लेकिन सेमीफाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रही।

यह खुशी 1992 यूरो में निराशा में बदल गयी जब टीम क्वालीफायर दौर से ही बाहर हो गयी। इसके बाद यूरो 1996, विश्व कप 1998 (फ्रांस) और यूरो 2000 में भी हमारी उम्मीदें टूटते रही।

पुर्तगाल में हुए यूरो 2004 में भी हमारी टीम ने निराश किया जबकि कमजोर मानी जाने वाली यूनान की टीम चैम्पियप बन गयी।

हम जैसे प्रशंसकों को ऐसा लगने लगा था कि खिलाड़ी क्लब प्रतिद्वंद्विता को पीछे छोड़कर एक साथ प्रयास नहीं कर रहे है।

टीम को 2010 विश्व कप में जर्मनी ने बाहर का रास्ता दिखाया तो वहीं 2014 विश्व कप में वह एक भी मैच नहीं जीत सकी। इससे बड़ी निराशा 2016 यूरो में मिली जब क्वार्टर फाइनल में आइसलैंड जैसी कमजोर मानी जाने वाली टीम ने इंग्लैंड को हरा दिया।

रूस विश्व कप में टीम ने लंबे समय के बाद एक बार फिर उम्मीदें कायम की लेकिन सेमीफाइनल में क्रोएशिया से हार गये।

यूरो 2020 में टीम के अब तक के दमदार प्रदर्शन से उम्मीदें फिर से जागी है। इंग्लैंड ने प्री-क्वार्टर फाइनल में जब जर्मनी को हराया तो मेरी पांच साल की बेटी झूम उठी। मैं हालांकि जश्न मनाने से बच रहा था।

मैंने अपनी बेटी से कहा, ‘‘ क्या तुम्हें पता है टीम अगले मैचों में हार सकती है।’’ उसने तुरंत जवाब दिया, ‘इंग्लैंड कभी नहीं हारता।’

टीम ने इसके बाद क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में मेरी बेटी की बातों को सही साबित किया। उम्मीद है फाइनल में भी ऐसा ही होगा।

सोमवार को खेले जाने वाले यूरो 2020 फाइनल में इंग्लैंड का सामना इटली से होगा।

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Web Title: A ray of hope for England fans at Euro 2020

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