महाराष्ट्र में आज उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उद्धव के अलावा तीनों पार्टियों के 2-2 नेताओं ने आज मंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस की तरफ से शपथ लेने वाले दो नेताओं की लिस्ट में एक नाम बाला साहब थोराट का भी था। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि बाला साहब थोराट कौन हैं, और उनका राजनीतिक इतिहास क्या रहा है!
बाला साहब थोराट नेता से पहले किसान थे-जानकारी के लिए आपको बता दें कि बाला साहब थोराट नेता से पहले किसान रह चुके हैं। दरअसल, किसानों की समस्या के लिए उन्होंने एक कॉपरेटिव मूवमेंट चलाया था। इस अभियान ने उन्हें किसानों के बीच लोकप्रिय बना दिया था। इस मूवमेंट के जरिए उन्होंने मिल्क कॉपरेटिव की स्थापना की। इस कॉपरेटिव का मुख्य उद्धेश्य किसानों से सही दाम में दूध का क्रय करना था। इसी सफलता के बाद बाला साहब मुख्यधारा की राजनीति में आए और धीर-धीरे महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए। 8 बार विधायक रहे चुके हैं थोराट-महाराष्ट्र विधानसभा में बाला साहब थोराट एक-दो बार नहीं बल्कि कुल 8 बार निर्वाचित होकर आए हैं। यही नहीं थोराट विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। विधान सभा में थोराट की तुलना में बाकी सभी विधायक जूनियर हैं। यही वजह है कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि दूसरे दलों में थोराट को सम्मान दिया जाता है। इस सरकार को बनाने में कांग्रेस की तरफ से थोराट ने अहम भूमिका निभाई है।
विधानसभा में विखे पाटिल के बाद कांग्रेस के नेता बने थोराट-जानकारी के लिए बता दें कि मई माह में राधाकृष्ण विखे पाटिल ने महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बालासाहेब थोराट को विधानसभा में पार्टी का नेता मनोनीत किया गया। थोराट को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता होने की वजह से यह जिम्मेदारी दी गई।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख हैं थोराट-बाला साहेब थोराट 8 बार विधायक रह चुके हैं तथा वर्तमान में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख हैं। 288 विधायकों में से थोराट एकमात्र ऐसे विधायक हैं जिन्होंने 8 बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। बाला साहेब थोराट की गिनती महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है।