महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: BJP-शिवसेना गठबंधन पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान, संजय राउत बोले भारत-पाक बंटवारे से भयंकर सीट शेयरिंग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2019 01:19 PM2019-09-24T13:19:14+5:302019-09-24T13:19:14+5:30

भाजपा चाहती है कि शिवसेना '170-118' के फार्मूले पर राजी हो जाए. हालांकि किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले शिवसेना के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.

Maharashtra BJP Chief Chandrakant Patil on BJP-Shiv Sena alliance: sanjay raut compared india pakistan partition | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: BJP-शिवसेना गठबंधन पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान, संजय राउत बोले भारत-पाक बंटवारे से भयंकर सीट शेयरिंग

वर्ष 2014 की भांति इस बार भी भाजपा ड्राइविंग सीट पर है, क्योंकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं

Highlightsशिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 288 सीटों का बंटवारा है ये भारत पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर हैमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच मंगलवार शाम चर्चा होने जा रही है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी-शिवसेना में जंग जारी है. दोनों दलों के नेता बयान देने से नहीं चूक रहे हैं. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि दोनों दलों के बीच वार्ता आखिरी दौर में है. उन्होंने कहा जो ये सोच रहे हैं कि गठबंधन नहीं होगा उन्हें निराशा हाथ लगेगी.

वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "इतना बड़ा महाराष्ट्र है ये जो 288 सीटों का बंटवारा है ये भारत पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर है." संजय राउत ने कहा कि यदि हम सरकार में होने के बजाय विपक्ष में होते तो तस्वीर दूसरी होती. उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे पर जो भी फैसला होगा, उसे तुरंत मीडिया को बताया जाएगा.

BJP ने शिवसेना को दिया सीटों का फॉर्मूला

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच मंगलवार शाम चर्चा होने जा रही है. शिवसेना के खेमे से बताया गया कि अब चूंकि समय काफी कम बचा है इसलिए फडणवीस और ठाकरे सीधी बातचीत करेंगे. इससे पहले मंत्री स्तर पर हुई चर्चा विफल हो चुकी है. वर्ष 2014 की भांति इस बार भी भाजपा ड्राइविंग सीट पर है, क्योंकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. लोकसभा चुनाव में उसे शिवसेना की जरूरत थी, जो विधानसभा चुनाव में नहीं है.

साथ ही, स्थितियां ऐसी बना दी गई हैं कि शिवसेना को गठबंधन करना ही पड़ेगा. अन्यथा उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. जहां तक भाजपा की रणनीति का सवाल है, वह दीर्घावधि के राजनीतिक परिदृश्य का विचार कर रही है. वह किसी सूरत में शिवसेना को छोड़ना नहीं चाहेगी, क्योंकि ऐसा करने पर राइट विंग के मतदाता बंट जाएंगे. इसका सीधा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ेगा. इसी सोच के चलते भाजपा को शिवसेना को साथ लेकर चलना पड़ रहा है.

वैसे भाजपा के दूसरे मोर्चे के नेता काफी पहले कह चुके हैं कि शिवसेना का साथ छोड़ देना चाहिए, लेकिन आला नेता इतना बड़ा फैसला करना उचित नहीं समझते. भाजपा की इस मजबूरी को शिवसेना अच्छी तरह से जानती है इसलिए उसके नेता सीटों के बंटवारे में आधी-आधी सीटों की मांग पर कायम है.

जल्द होगी घोषणा : फडणवीस

सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जल्द ही गठबंधन की घोषणा की जाएगी. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि अगले 24 घंटे काफी महत्त्वपूर्ण है.

बीजेपी का ऑफर

भाजपा चाहती है कि शिवसेना '170-118' के फार्मूले पर राजी हो जाए. हालांकि किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले शिवसेना के जवाब का इंतजार किया जा रहा है. भाजपा बीते लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को भुनाना चाहती है. इसलिए उसने यह फार्मूला तय किया है.

बता दें कि भाजपा ने राज्य की करीब 188 सीटों पर अपना प्रभाव बड़े स्तर पर दर्ज किया था, जबकि शिवसेना करीब 80-83 सीटों पर प्रभावी रही थी. सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने शिवसेना को स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में स्थिति बदल गई है. पहले यहां पर मुख्य दल शिवसेना थी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में आने के बाद से देश भर में स्थिति में बदलाव हुआ है. अत: वह महाराष्ट्र में स्वबल पर चुनाव लड़ने के लिए समर्थ है.

शिवसेना कर चुकी है इनकार

शिवसेना इससे पूर्व कई मर्तबा सार्वजनिक मंचों से भाजपा के प्रस्ताव को सीधे तौर नकार चुकी है कि वह राज्य में बराबर की सीटों पर चुनाव के नीचे सहमत नहीं होगी. शिवसेना की मांग है कि राज्य में भाजपा और शिवसेना आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ें. वहीं, भाजपा किसी भी हालत में शिवसेना को 120-125 से अधिक सीट देने को तैयार नहीं है.

नेताओं का गणित

भाजपा पदाधिकारियों के मुताबिक शिवसेना अगर अकेले चुनाव लड़ती है, तो वह 70-75 से अधिक सीट नहीं जीत सकती है. वहीं, भाजपा अगर अकेले चुनाव लड़ती है तो वह 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. इसकी वजह बालाकोट, धारा 370 पर सरकार का ठोस और कठोर निर्णय करना है, जिससे भाजपा खासी उत्साहित है.

Web Title: Maharashtra BJP Chief Chandrakant Patil on BJP-Shiv Sena alliance: sanjay raut compared india pakistan partition

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