57 साल में 8 महिलाओं ने लड़ा चुनाव, जानें गढ़चिरौली विधानसभा सीट का इतिहास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 1, 2019 09:13 IST2019-09-01T09:13:27+5:302019-09-01T09:13:27+5:30
गढ़चिरौली जिले की आरमोरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देसाईगंज तहसील के ग्राम विसोरा की निवासी और भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता इंदुताई नाकाडे को युति सरकार के कार्यकाल में विधान परिषद भेज कर जिले की राजनीति में महिलाओं की उपेक्षा को पूरा करने का प्रयास किया गया।

57 साल में 8 महिलाओं ने लड़ा चुनाव, जानें गढ़चिरौली विधानसभा सीट का इतिहास
हरीश सिडाम
गढ़चिरौली जिले में 1962 से लेकर 2014 तक के चुनावों पर नजर डालें तो 57 वर्षो में हुए 12 चुनावों में केवल 8 ही महिलाओं ने भाग्य आजमाया. महिलाओं को राजनीतिक अधिकार में भी गढ़चिरोली जिला पिछड़ा है. एक ही महिला को विधान परिषद तक ही पहुंचने का यहां पर मौका मिला है.
ज्ञात हो कि राज्य में वर्ष 1962 से सार्वजनिक चुनावों का दौर शुरू हुआ. इसी बीच जिले में 6 वीं विधानसभा 1985 में पहली बार महिला ने प्रत्याशी के रूप में जोर आजमाईश की. यह पहला मौका गढ़चिरोली विधानसभा सीट से टिकलाबाई रामचंद्र तलांडी को मिला था. इसके बाद 1990 के चुनाव में प्रमिला जंगलू गावंड़े ने भाग्य आजमाया. आरपीआई (खोब्रागड़े) ने रजनी वरठे को वर्ष 1995 के चुनाव में आरमोरी विस से टिकट दिया.
जबकि बहुजन समाज पार्टी ने तत्कालीन सिरोंचा (अब अहेरी) विस से जैनाबाई कुलहेटी को उम्मीदवार बनाया था. एक ही वर्ष में दो महिला प्रत्याशी जिले की चुनावी रण में दिखने का यह पहला मौका था. वरठे अपनी विस क्षेत्र में 19 प्रत्याशियों में एकमात्र महिला थी तो वहीं कुलहेटी ने 8 प्रत्याशियों को टक्कर दी थी.
वर्ष 1995 के बाद 1999 में हुए चुनाव में गढ़चिरौली क्षेत्र से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने आनंदाबाई देवाजी मड़ावी को तथा सिरोंचा क्षेत्र से सगुना पेंटाराम तलांडी को भाराकां की ओर से टिकट दिया था. वर्ष 2004 के चुनाव में सिरोंचा सीट से सपा की ओर से फिर से सगुना तलांडी ने भाग्य आजमाया. 2014 के विस चुनाव में गढ़चिरोली क्षेत्र में शेकाप की ओर से जयo्री वेलदा और भारिप की ओर से कुसुम अलाम ने तकदीर आजमाई. लेकिन पिछले 57 वर्षो में यहां से किसी भी महिलाको जीतने का मौका नहीं मिल पाया.
इंदुताई नाकाड़े ने किया विधान परिषद का प्रतिनिधित्व
गढ़चिरौली जिले की आरमोरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देसाईगंज तहसील के ग्राम विसोरा की निवासी और भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता इंदुताई नाकाडे को युति सरकार के कार्यकाल में विधान परिषद भेज कर जिले की राजनीति में महिलाओं की उपेक्षा को पूरा करने का प्रयास किया गया, लेकिन इसके बाद अबतक किसी भी महिला को यह मौका उपलब्ध नहीं हो पाया.