महाराष्ट्र: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED के रडार पर अजीत पवार! बढ़ सकती है डिप्टी सीएम की मुश्किलें

By विनीत कुमार | Published: October 18, 2020 09:57 AM2020-10-18T09:57:21+5:302020-10-18T09:57:21+5:30

सूत्रों के अनुसार ईडी ने जल संसाधन विभाग से 1999 और 2009 के बीच विदर्भ सिंचाई विकास निगम, कृष्णा घाटी सिंचाई परियोजना और कोंकण सिंचाई विकास निगम से जुड़े ठेके, बिलों के भुगतान संबंधी कई जानकारियां मांगी हैं।

Maharashtra Ajit Pawar may come under ED scanner on money laundering probe | महाराष्ट्र: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED के रडार पर अजीत पवार! बढ़ सकती है डिप्टी सीएम की मुश्किलें

मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED के रडार पर आ सकते हैं अजीत पवार (फाइल फोटो)

Highlightsमहाराष्ट्र सिंचाई विभाग के विभिन्न निगमों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच में जुटा ईडीईडी ने 1999 और 2009 के बीच के कई रिकॉर्ड मांगे हैं, अजीत पवार 1999 से 2009 के बीच जल संसाधन मंत्री थे

विदर्भ सिंचाई विकास निगम के तहत 12 परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार इसके रडार पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी आ सकते हैं। ईडी ने महाराष्ट्र सिंचाई विभाग के विभिन्न निगमों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ईडी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'ईडी ने विदर्भ सिंचाई विकास निगम, कृष्णा घाटी सिंचाई परियोजना और कोंकण सिंचाई विकास निगम से जुड़े ठेकेदारों को भुगतान किए गए बिलों की मांग की है। साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से बांध परियोजनाओं के लिए ठेके, संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति से संबंधिक जानकारी भी मांगी है। ईडी ने 1999 और 2009 के बीच के रिकॉर्ड मांगे गए हैं।'

अजीत पवार 1999 से 2009 के बीच जल संसाधन मंत्री थे। पिछले साल दिसंबर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने डिप्टी सीएम को क्लीन चिट दिया था। इस संबंध में 27 नवंबर को हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया था। इसके अगले दिन यानी 28 नवंबर को महाविकास अघाड़ी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। 

ईडी की जांच की ये बातें इस समय सामने आ रही हैं जब हाल में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की  जल संरक्षण परियोजना, 'जलयुक्त शिवर अभियान', की जांच के आदेश दिए हुए हैं।

ये भी दिलचस्प है कि करीब एक हफ्ते पहले ही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा पवार और अन्य को 25,000 करोड़ के महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंकों में अनियमितता के मामले में क्लीन चिट दिया जा चुका है। ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने इस मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। वहीं, ED ने कोर्ट में EOW के कदम का विरोध किया है।

बहरहाल, इस बीच महाराष्ट्र में सोलापुर और पुणे जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे पवार ने ईडी की जांच पर टिप्पणी करने से फिलहाल मना कर दिया है। उन्होंने हालांकि ये जरूर कहा कि जलयुक्त शिवर मामले में किसी द्वेष के कारण जांच के आदेश नहीं दिए गए। उन्होंने कहा, 'कैबिनेट में कुछ मंत्रियों ने मुद्दों को उठाया कि अगर सीएजी ने खुद इस पर सवाल उठाए हैं, तो उसकी जांच होनी चाहिए। इसलिए, मुख्यमंत्री ने एक एसआईटी के माध्यम से इस पर खुली जांच का आदेश दिया है।' 

Web Title: Maharashtra Ajit Pawar may come under ED scanner on money laundering probe

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