महाराष्ट्र में बीजेपी 32, शिंदे गुट 11 और अजित पवार की एनसीपी 5 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं, फॉर्मूला लगभग तैयार
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 6, 2024 08:28 PM2024-03-06T20:28:11+5:302024-03-06T20:29:19+5:30
Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने महाराष्ट्र के लिए सीट-बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद ये तय किया गया है। समझौते के मुताबिक राज्य की 48 सीटों में से बीजेपी 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शिंदे की शिवसेना 11 और एनसीपी (अजित पवार) 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने महाराष्ट्र के लिए सीट-बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद ये तय किया गया है। समझौते के मुताबिक राज्य की 48 सीटों में से बीजेपी 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शिंदे की शिवसेना 11 और एनसीपी (अजित पवार) 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शाह के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़णवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार शामिल थे।यदि फॉर्मूला कायम रहता है, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा लाभ है क्योंकि उसके सहयोगी उससे कहीं अधिक सीटों की मांग कर रहे थे, जितनी वे तय कर चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनावों में जब वह अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन में थी तो भाजपा ने कम सीटों पर चुनाव लड़ा था। तब 25 सीटों पर लड़कर बीजेपी ने 23 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 सीटें जीती थीं। अविभाजित एनसीपी जिसने सहयोगी के रूप में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा था , 4 सीटें जीती थीं।
अलग हुई शिंदे सेना के पास अब शिवसेना के 18 सांसदों में से 12 का समर्थन है। जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के पास एनसीपी के 4 सांसदों में से 1 का समर्थन है। शिंदे सेना पिछली बार पार्टी द्वारा जीती गई सभी 18 सीटों पर टिकट का दावा कर रही थी, जबकि अजित पवार 10 सीटों के लिए दबाव बना रहे थे।
दोनों साझेदारों द्वारा अधिक सीटों के लिए सौदेबाजी के कारण गठबंधन में परेशानी की बात सामने आ जिससे शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा। जोर इस बात पर था कि महाराष्ट्र में 45 से अधिक सीटें जीतने के बड़े उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन सभी को एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। शाह सोमवार को महाराष्ट्र पहुंचे थे और सीटों पर बातचीत से पहले छत्रपति संभाजीनगर, अकोला, जलगांव और संभाजीनगर में पार्टी की कई बैठकें और रैलियां कीं।