बंदरगाहों पर सड़ रहे आयातित प्याज, 22-23 रुपये किलो के भाव बेचने की तैयारी में सरकार, जानिए कारण
By भाषा | Published: January 30, 2020 03:57 PM2020-01-30T15:57:32+5:302020-01-30T15:57:32+5:30
सूत्रों ने बृहस्पतविार को इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार अभी राज्य सरकारों को 58 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आयातित प्याज मुहैया करा रही है। केंद्र सरकार परिवहन खर्च का भी वहन कर रही है। सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए नवंबर, 2019 में एमएमटीसी के जरिये 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का निर्णय लिया था।
केंद्र सरकार बंदरगाहों पर सड़ रहे आयातित प्याज को सरकार काफी सस्ती दर पर यानी 22-23 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर सकती है। यह प्याज के मौजूदा बाजार भाव की तुलना में करीब 60 प्रतिशत कम है।
सूत्रों ने बृहस्पतविार को इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार अभी राज्य सरकारों को 58 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आयातित प्याज मुहैया करा रही है। केंद्र सरकार परिवहन खर्च का भी वहन कर रही है। सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए नवंबर, 2019 में एमएमटीसी के जरिये 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का निर्णय लिया था।
एमएमटीसी विदेशी बाजारों से 14 हजार टन प्याज का आयात कर चुकी है। सूत्रों ने कहा कि आयातित प्याज की बड़ी खेप बंदरगाहों विशेषकर महाराष्ट्र में पड़ी हुई है। नयी फसल के बाजार में पहुंचने से खुदरा कीमतें नरम पड़ने लगी हैं। ऐसे में कई राज्य उच्च दर पर आयातित प्याज खरीदने को तैयार नहीं हैं।
सूत्रों ने कहा कि आयातित प्याज का स्वाद भी घरेलू प्याज की तुलना में अलग है। इसके कारण कई राज्यों ने आयातित प्याज के ठेके रद्द कर दिये। उन्होंने कहा कि आयातित प्याज की नरम मांग को देखते हुए एमएमटीसी ने अभी तक महज 14 हजार टन प्याज की ही खरीद की है, जबकि उसने 40 हजार टन प्याज आयात करने के ठेके दिये हैं।
अभी तक आयातित प्याज की बड़ी खेप भी बंदरगाहों पर पड़ी है। नाफेड, मदर डेयरी तथा इच्छुक राज्य सरकारें मंडियों में वितरण के लिए 22-23 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आयातित प्याज खरीद सकती हैं।