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प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के विरोध में उतरे किसान, थोक बाजार में बिक्री रोकी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2023 15:45 IST

इस फैसले का विरोध कर रहे स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप जगताप ने कहा कि केंद्र सरकार का किसान विरोधी रुख एक बार फिर सामने आया है। महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे लाभ की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लगाए गए शुल्क से अब यह संभव नहीं होगा।

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ठळक मुद्देप्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया थामहाराष्ट्र के किसान इस फैसले के विरोध में उतर गए हैंअहमदनगर जिले में किसानों ने रविवार को प्याज की बिक्री रोक दी

मुंबई:  सरकार ने मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में आपूर्ति में सुधार के लिए शनिवार को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्णय लिया था। लेकिन महाराष्ट्र के किसान इस फैसले के विरोध में उतर गए हैं। प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले के विरोध में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में किसानों ने रविवार को प्याज की बिक्री रोक दी।

अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में प्याज उत्पादकों ने थोक बाजार में प्याज की चल रही बिक्री रोक दी। सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए शनिवार को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था। केंद्र सराकार के फैसले के अनुसार प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर यह निर्यात शुल्क जारी रहेगा।

इस फैसले का विरोध कर रहे स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप जगताप ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार का किसान विरोधी रुख एक बार फिर सामने आया है। महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे लाभ की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लगाए गए शुल्क से अब यह संभव नहीं होगा। इससे घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाएंगी और किसानों को नुकसान होगा।’’

उन्होंने सरकार पर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई और इससे बाजार में ताजा प्याज की आवक में देरी होगी। जगताप ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य भर के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।’’ अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में किसानों के एक समूह ने थोक बाजार में प्याज की बिक्री रोक दी है। 

रहुरी में प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा, ‘‘केंद्र को हमारी परेशानियों पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि निर्यात शुल्क ने व्यापारियों को एक संदेश भेजा है कि सभी उपलब्ध प्याज केवल घरेलू बाजारों में ही बेचे जाएंगे। व्यापारियों ने अब हमारी उपज के लिए कम कीमत बतानी शुरू कर दी है।’’

एशिया के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार की लासलगाव कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते प्याज की कीमतों में करीब 45 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। समिति के एक व्यापारी ने कहा, ‘‘दो हफ्ते पहले प्याज 1500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था और एक हफ्ते में ही यह 2200 रुपये तक पहुंच गया। अब कीमत कम होने लगी है, क्योंकि निर्यात लगभग असंभव हो गया है।’’

(इनपुट - भाषा)

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