भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को झटका, मुंबई पुलिस ने CAA-NRC-NPR के खिलाफ रैली करने की नहीं दी इजाजत
By रामदीप मिश्रा | Updated: February 18, 2020 16:26 IST2020-02-18T16:26:00+5:302020-02-18T16:26:00+5:30
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को CAA-NRC-NPR के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान में रैली करने की अनुमति नहीं मिली है। वह 21 फरवरी को रैली करना चाहते थे।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (फाइल फोटो)
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच मंगलवार (18 फरवरी) को उन्हें मुंबई पुलिस ने झटका दिया है। दरअसल, पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को मुंबई में रैली करने की अनुमति नहीं दी है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, 'मुंबई पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ आजाद मैदान में 21 फरवरी को रैली का आयोजन करने की इजाजत नहीं दी है। पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर आजाद को रैली के आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।'
चंद्रशेखर आजाद लगातार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि सरकार सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर 'झूठ को हवा' को हवा दे रही है।
Mumbai Police: Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad has been denied permission for his rally against Citizenship Amendment Act, National Register of Citizens and National Population Register scheduled on February 21 in Mumbai's Azad Maidan on grounds of law and order maintenance. pic.twitter.com/zxZFCriaQr
— ANI (@ANI) February 18, 2020
बता दें कि मुम्बई के आजाद मैदान में शनिवार को उर्दू कवि फैज अहमद की लोकप्रिय कविता 'हम देखेंगे' के पाठ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी के बीच बड़ी संख्या में महिलाओं समेत हजारों लोगों ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर व्यवस्था का विरोध करने का आह्वान दिया था।
'नेशनल एलायंस एगेंस्ट द सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट, प्रोपोज्ड नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस एंड नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर' की महाराष्ट्र इकाई ने इस 'महा-मोर्चा' प्रदर्शन का आयोजन किया था। मुम्बई के विभिन्न हिस्सों, नवी मुम्बई, ठाणे जैसे उपनगरीय क्षेत्रों और महराष्ट्र के अन्य हिस्सों से लोग इस प्रदर्शन में पहुंचे थे।
तिरंगा लहराते हुए और सीएए-एनआरसी-एनपीआर की निंदा करने वाली तख्तियां अपने हाथों में लिये प्रदर्शनकारियों ने 'मोदी, शाह से आजादी' जैसे नारे लगाए थे। प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए दस्तावेज नहीं दिखाने का संकल्प लिया था कि वे अनादि काल से भारत के नागरिक हैं। इस मौके पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किए गए थे।