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लोकायुक्त प्रकरण के बाद विक्रम विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग पीएचडी परीक्षा निरस्त की, 80 परीक्षार्थी प्रभावित होंगे

By बृजेश परमार | Updated: July 28, 2023 20:13 IST

कुलपति डा.अखिलेश पांडे के आदेशानुसार तथा विधिक अभिमत के आधार पर विश्वविद्यालय ने आयोजित परीक्षा 06 मार्च 2022 की समस्त अभियांत्रिकी विषयों की पीएचडी प्रवेश परीक्षा निरस्त की गई है।

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ठळक मुद्देविक्रम विश्वविद्यालय में वर्ष 2022 में इंजीनियरिंग की पीएचडी परीक्षा निरस्तपरीक्षा निरस्ती से 80 परीक्षार्थी प्रभावित होंगेधांधली की शिकायत के बाद मामले में लोकायुक्त प्रकरण दर्ज होने के बाद उठाया गया कदम

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय ने वर्ष 2022 में इंजीनियरिंग की पीएचडी परीक्षा निरस्त कर दी है। यह कदम  विश्वविद्यालय ने परीक्षा में हुई अनियमितता,धांधली की शिकायत के डेढ़ साल बाद मामले में लोकायुक्त प्रकरण दर्ज होने के बाद उठाया है। मामले में लोकायुक्त ने पूर्व कुलसचिव प्रशांत पुराणिक एवं  विश्वविद्यालय के तीन अन्य अधिकारी, कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किया है। इस परीक्षा निरस्ती से 80 परीक्षार्थी प्रभावित होंगे।

इस मामले में विक्रम  विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रज्वल खरे ने गुरूवार देर शाम अधिसूचना जारी कर बताया है कि वर्ष 2022 की अभियांत्रिकी विषय की पीएचडी की प्रवेश परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायत पर  विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक दिनांक 30 जून 2023 के विषय क्रमांक -6में निर्णयानुसार पीएचडी प्रवेश परीक्षा -2022 के संबंध में विधिक अभिमत प्राप्त करने के निर्देश हुए थे। 

कुलपति डा.अखिलेश पांडे के आदेशानुसार तथा विधिक अभिमत के आधार पर  विश्वविद्यालय ने आयोजित परीक्षा 06 मार्च 2022 की समस्त अभियांत्रिकी विषयों की पीएचडी प्रवेश परीक्षा निरस्त की जाती है। मामले में लोकायुक्त ने 21 जून 2023 को छात्र नेता बबलू खीची की शिकायत पर विक्रम विश्व विघालय के कुलसचिव प्रशांत पुराणिक ,सहायक कुल सचिव वीरेन्द्र उचवारे सहित 3 प्रोफेसर गणपत अहिरवार,वाय एस ठाकुर, पीके वर्मा सहित अन्य पर पीएचडी घोटाले का प्रकरण दर्ज किया गया है। शिकायत की जांच में सामने आया है कि परीक्षा में कुल्‍ 80 परीक्षार्थी बैठे थे जिनमें से 18 का चयन किया गया था। 12 के परिणाम प्रभावित करते हुए फेल को पास करने की पुष्टि, कुछ परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ाने सहित फैल को पास करने का मामला अंजाम दिया गया था।

लोकायुक्त ने धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के साथ भादवि की धारा 420,468,471,120 बी में प्रकरण दर्ज किया गया । लोकायुक्त ने जांच शुरू करते हुए कुलसचिव सहित अन्य आरोपित अधिकारियों के बयान दर्ज करते हुए दस्तावेज बरामद किए थे।दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि परीणाम में हेरफेर किया गया है। विश्वविद्यालय में भी प्रवेश परीक्षा के परीणाम को लेकर शिकायत की जांच डेढ साल से लंबित चल रही थी । इंजीनियरिंग पीएचडी प्रवेश परीक्षा निरस्त करने को लेकर शिकायत कर्ता बबलू खीची का कहना है कि इसके साथ ही अन्य विषयों की भी पीएचडी परीक्षा आयोजित की गई थी। सभी में गड़बड की गई ,उन परीक्षाओं को भी निरस्त किया जाना आवश्यक है।

टॅग्स :उज्जैनUniversityमध्य प्रदेशएजुकेशनEducation Department
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