"लोग मुझे 'मामा' और 'भय्या' बुलाते हैं, इससे बढ़कर मेरे लिए और क्या हो सकता है", मुख्यमंत्री पद के घमासान के बीच शिवराज चौहान ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 9, 2023 06:54 AM2023-12-09T06:54:21+5:302023-12-09T06:57:49+5:30
मध्य प्रदेश में चल रहे सीएम पद के घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे मिलने वाली कोई भी भूमिका, लोगों से मिले 'मामा' और 'भय्या' की उपाधि से बड़ी नहीं है।
भोपाल: मध्य प्रदेश चुनाव की गिनती बीते 3 दिसंबर को समाप्त हो गया। सत्ताधारी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विपक्षी दल कांग्रेस को जबरदस्त मात दी लेकिन बावजूद उसके सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर सस्पेंस अब भी बरकरार है।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सीएम पद के सवाल पर कहा कि मुझे मिलने वाली कोई भी भूमिका, लोगों से मिले 'मामा' और 'भय्या' की उपाधि से बड़ी नहीं है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने एक सार्वजनिक बैठक में कहा, "चाचा और भाई का पद दुनिया में किसी भी अन्य पद से बड़ा है। इससे बढ़कर कुछ नहीं है।"
मालूम हो कि मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान को उनके कई समर्थक प्यार से 'मामा' कहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी उस समय आई है, जब भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों में अपने विधायक दलों के नेताओं के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नामित किया। इनमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण और आशा लाकड़ा राज्यों के मुख्यमंत्री के चन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया हैं।
राज्य में भगवा पार्टी को भारी जीत दिलाने वाले चौहान के अलावा सूबे के मुख्यमंत्री के पद के लिए अन्य संभावित दावेदार नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय के नाम भी शामिल हैं।
उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताहांत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्रियों की घोषणा हो सकती है।
इस सप्ताह की शुरुआत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केवल भाजपा नेतृत्व ही तय करेगा कि कौन कौन सी भूमिका निभाएगा और उनका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि पार्टी अगले साल आम चुनावों में राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटें जीते।
चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे 64 साल के शिवराज सिंह चौहान ने साथ में यह भी कहा कि वह पहले भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं थे, न ही अब हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है और मुख्य विपक्षी कांग्रेस को महज 66 सीटों से संतोष करना पड़ा है।