मध्य प्रदेश: मंडला के एक प्रत्याशी की अजीब अपील, कहा- "शराब पीने वाले ही मुझे वोट दे"
By मुकेश मिश्रा | Published: September 21, 2023 02:07 PM2023-09-21T14:07:08+5:302023-09-21T14:08:39+5:30
अपील के पीछे पर्चे में उन्होंने तर्क भी दिया है कि प्रदेश सरकार की आबकारी नीति के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में आदिवासियों को शराब पीने और बनाने की छूट दी गई है।
इंदौर: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां सभी दल कर रहे है।भाजपा सहित कई छोटे दलों ने कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।वही घोषित प्रत्याशियों ने अपने मतादाताओ को लुभाने के लिए अलग अलग तरिकों से अपील कर रहे है।
आदिवासियों के लिए आरक्षित मंडला विधानसभा सीट पर एक प्रत्याशी ने मतदाताओं से अजीब से अपील की है। प्रत्याशी का कहना है कि जो शराब पीता हो वही उसे वोट दे। शराब न पीने वाले वोट न दें।क्रांति जनशक्ति पार्टी ने मंडला विधानसभा सीट के लिए अपना प्रत्याशी रघु वायाम उर्फ परसराम वायाम को घोषित किया है।
अपने नाम की घोषणा होने के बाद वायाम ने मैदानी सक्रियता बढ़ा दी है।उन्होनें एक पर्चा छपवाकर मतदाताओं से अपील की है कि जो शराब पीने वाला मतदाता ही उन्हें वोट करें, या फिर शराब पीना ही बंद कर दें। उन्होंने अपनी अपील में साफ कहा है कि शराब ना पीने वाले मतदाता उन्हें वोट न दें।
उन्होंने पर्चे में कहा है कि जो झूठ का सहारा लेकर मुझे वोट देगा,उसे ईश्वर दंड देंगे। पर्चे में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की नीति पर मुझे भरोसा है कि शराब पीने वाले अगर मुझे वोट देंगे तो मैं भारी बहुमत से जीत हासिल करूंगा।दरअसल रघु वायाम ने आदिवासी अंचल में शराब के बढ़ते नशे के आदि हो रहे आदिवासियों को शराब से मुक्ति दिलाने के लिए यह अपील की है।
अपील के पीछे पर्चे में उन्होंने तर्क भी दिया है कि प्रदेश सरकार की आबकारी नीति के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में आदिवासियों को शराब पीने और बनाने की छूट दी गई है।
इस छूट के तहत पांच से लेकर पैंतालीस लीटर शराब आदिवासी बना सकता है और पी भी सकता है। सरकार की इस नीति के तहत आदिवासी अंचल में शराब पीने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे आदिवासी वर्ग चिंतित हो उठा है।
इस छूट के कारण आदिवासी ही नहीं, बल्कि अन्य वर्ग के लोग भी शराब का ज्यादा सेवन करने लगे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।