जबलपुरः मंगलवार शाम 6 बजे से लगी झड़ी ने शहर के रहवासी कालोनियों को जलमग्न कर दिया है। 40 घंटे में सवा 11 इंच पानी गिर गया। इसे मिलाकर इस सीजन अब तक 32.7 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। इस बीच महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू एक बार फिर पानी में उतर गए। सुबह केंट विधानसभा क्षेत्र के बिलहरी और तिलहरी क्षेत्र की जलमग्न कालोनियों में पहुंचे।
उन्होंने चैतन्य सिटी, पिंक सिटी व बिलहरी-कजरवारा रोड पर स्थित कालोनियों का निरीक्षण किया। इस दौरान नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज व कांग्रेस केंट ब्लाक अध्यक्ष शिव अग्रवाल भी मौजूद थे। यह कालोनियां खंदारी नाले में आ रहे पानी के चलते जलप्लावन की शिकार हो रही है।
चारों तरफ जलजमाव के नजारे हैं। लोग आह कर उठे। कई कैम्पस में पानी भर गया जिसकी निकासी के इंतजाम नहीं हैं। महापौर ने प्रभावित क्षेत्र में खाने के पैकेट पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इधर,कुछ स्कूलों के परिसरों में पानी ही पानी है। निचली इलाकों में घरों में घुटने-घुटने पानी भरा हुआ है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। बारिश के बीच बिजली की आंख मिचौली लोगों को रुलाती रही। कई इलाकों में लोगों ने रात अंधेरे में काटी। एक तो घरों में पानी उस पर लाइट गुल किसी आफत से कम नहीं थी।
रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने आज गुरुवार 3 अगस्त की शाम 8 बजे इसके 21 में से 15 जलद्वारों को औसतन 1.76 मीटर ऊंचाई तक खोलने का निर्णय परियोजना प्रशासन ने लिया है। कार्यपालन यंत्री बरगी बांध अजय सूरे ने यह जानकारी देते हुये बताया कि बरगी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इसका जलस्तर बढ़ता जा रहा है ।
गुरुवार की दोपहर इसका जलस्तर 420 मीटर दर्ज किया गया था। इसमें बान्ध में 13 हजार घन मीटर जल की आवक हो रही है। इसे देखते हुए आज गुरुवार 3 अगस्त की रात 8 बजे लगभग 4 हजार 017 क्युमेक ( 1 लाख 41 हजार 860 क्यूसेक) जल की निकासी की जायेगी । इसके लिये बांध के 15 गेट 1.76 मीटर औसत उंचाई तक खोले जायेंगे ।
कार्यपालन यंत्री ने बताया कि बांध से पानी छोड़े जाने से निचले क्षेत्र में नर्मदा नदी के जल स्तर में 30 से 36 फुट तक की बढ़ोतरी हो सकती। उन्होंने निचले क्षेत्र के रहवासियों से नर्मदा नदी के घाटों से सुरक्षित दूरी बनाये रखने का अनुरोध किया है। सूरे ने बताया कि बांध में पानी की आवक को देखते हुये जल निकासी की मात्रा घटाई या बढाई भी जा सकती है।