रतलाम: 14 अगस्त सोमवार की शाम को हुआ यह घेराव अहिंसा प्रेमी जैन समुदाय के युवाओं ने किया था। घेराव का कारण नगर सीमा के ग्राम करमदी स्थित जैन तीर्थ पर अन्य समुदाय के कब्जे का अवैधानिक प्रयास था।
बताया जाता है की ग्राम करमदी के कुछ युवक जैन तीर्थ पर अन्य प्रतिमा स्थापित करने जा रहे थे। स्थानीय जैन समाज ने उनकी इस बताया जाता है की ग्राम करमदी के आम लोगो का जैन तीर्थ से सौहार्द का रिश्ता रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से चंद लोग जबरन बखेड़ा करने लगे है।
बताया जा रहा है की इसके पीछे राजनैतिक साजिश है। यहां यह ज्ञातव्य है की रतलाम शहर विधानसभा पर जैन समुदाय का व्यक्ति विधायक पद पर काबिज रहा है। बड़े वोट अंतर से कांग्रेस यहां से पराजित होती आ रही है।
वोटो के खेल के लिए रतलाम में जैन और अजैन के मध्य खाई खड़ी करने की कोशिश भी लगातार होती आई है। बताया जा रहा है की नगर विधायक के कार्य व्यवहार से नाराज संघ परिवार और भाजपा से जुड़े कुछ लोग भी नेपथ्य में रहकर मामले को हवा दे रहे है।
राजनीति के जानकारों का कहना है की समय रहते विवाद का समाधान निकाल लेना सभी के हित में रहेगा। अन्यथा यह सामाजिक विद्वेष नासूर बन जाएगा। राजनीति की दृष्टि से भाजपा के लिए रतलाम का यह विवाद न खुदा मिला न विसाले सनम जैसी स्थिति वाला बन जाएगा।