Assembly Elections 2023: कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर भारी असंतोष जारी, मुरली मोरवाल ने कमलनाथ के घर पर प्रदर्शन करते हुए कहा, "वफादारी के बावजूद..."
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 23, 2023 07:53 AM2023-10-23T07:53:45+5:302023-10-23T07:59:19+5:30
कांग्रेस पार्टी के भीतर विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भारी असंतोष नजर आ रहा है। सूबे में कई जगहों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता बगावती सुर उठाते नजर आ रहे हैं।
भोपाल: कांग्रेस पार्टी के भीतर विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भारी असंतोष नजर आ रहा है। सूबे में कई जगहों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता बगावती सुर उठाते नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता मुरली मोरवाल ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मोरवाल ने कहा, "पार्टी में मेरे साथ अन्याय हुआ है। जब राहुल जी ने कहा है कि पिछड़े वर्गों को विधानसभाओं में अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए तो मुझे पूरी उम्मीद थी कि पार्टी मुझे चुनाव लड़ने के लिए टिकट देगी।"
मोरवाल ने साल 2018 के चुनाव के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पतन का जिक्र करते हुए कहा, "उस समय जब कांग्रेस सरकार पतन के कगार पर थी, पाला बदलने के लिए मुझे भी 30-40 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मिला था लेकिन मैंने उसे स्वीकार नहीं किया।"
उन्होंने आगे कहा, "उस मुश्किल समय में पार्टी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के बावजूद मुझे आगामी चुनाव लड़ने के लिए मुझे टिकट नहीं दिया गया, जबकि पार्टी ने जिस राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया है, उन्हें बड़नगर तहसील में कोई जानता भी नहीं है।"
पार्टी प्रदेश प्रमुख के आवास के बाहर मोरवल ने कहा, "मैं कमलनाथ से अनुरोध करने आया था कि वे बड़नगर तहसील से पार्टी की ओर से खड़े किये गये राजेंद्र सिंह सोलंकी की उम्मीदवारी पर फिर से विचार करे और उनकी जगह मुझे टिकट दें।"
उन्होंने कहा, " अगर पार्टी उनकी जगह मुझे टिकट देती है तो मैं उनके मुकाबले हजारों वोटों से जीत जीत सकता हूं लेकिन अगर पार्टी मेरी अपील पर विचार नहीं करती है तो मैं अपने समर्थकों से राय शुमारी करके आगे की रणनीति तय करूंगा।''
मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी ने उज्जैन की बड़नगर विधानसभा सीट से राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। जिसके बाद से पार्टी के भीतर बवाल मचा हुआ है।
सूबे में आगामी 17 नवंबर को मतदान होना है और चार अन्य चुनावी राज्यों के साथ वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
जहां तक मध्य प्रदेश के पिछले चुनाव की बात है तो साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 40.89 फीसदी वोट शेयर के साथ 114 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा 109 सीटों और 41.02 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही।
उसके बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सत्ता में कांग्रेस का आगमन हुआ था लेकिन साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत और उनके समर्थक 22 विधायकों के पाला बदलने के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई थी और फिर शिवराज सिंह की अगुवाई में भाजपा सत्तासीन हुई थी।