मध्य प्रदेश में 13 साल की छात्रा ने रचा इतिहास, 10वीं के बाद सीधे पास की 12वीं

By भाषा | Published: July 28, 2020 04:14 PM2020-07-28T16:14:31+5:302020-07-28T16:14:31+5:30

तनिष्का महज 13 साल की है और इतनी कम उम्र में 10वीं के बाद सीधे 12वीं पास करने वाली वह सूबे की संभवत: पहली छात्रा है। हालांकि, स्वाध्यायी छात्रा के रूप में 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति के लिये उसके परिवार को सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर काटने पड़े।

13-year student created history in Madhya Pradesh, passed 12th right after 10th | मध्य प्रदेश में 13 साल की छात्रा ने रचा इतिहास, 10वीं के बाद सीधे पास की 12वीं

स्वाध्यायी छात्रा के रूप में 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति के लिये उसके परिवार को सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर काटने पड़े।

Highlightsतनिष्का महज 13 साल की है और इतनी कम उम्र में 10वीं के बाद सीधे 12वीं पास करने वाली वह सूबे की संभवत: पहली छात्रा है। हालांकि, स्वाध्यायी छात्रा के रूप में 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति के लिये उसके परिवार को सरकारी दफ्तरों कसोमवार को कक्षा 12 का परीक्षा परिणाम घोषित किया जिसमें तनिष्का ने वाणिज्य संकाय में 62.8 प्रतिशत अंक अर्जित किये हैं।

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाली तनिष्का सुजीत (13) ने शिक्षा जगत में नया कीर्तिमान कायम किया है। विलक्षण प्रतिभा की धनी लड़की ने आम विद्यार्थियों की तरह स्कूल जाने के बजाय स्वाध्यायी छात्रा के रूप में अपने घर में ही पढ़ाई करते हुए 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सोमवार को कक्षा 12 का परीक्षा परिणाम घोषित किया जिसमें तनिष्का ने वाणिज्य संकाय में 62.8 प्रतिशत अंक अर्जित किये हैं।

होनहार छात्रा ने अंग्रेजी (विशेष) और हिन्दी (सामान्य) में विशेष योग्यता भी हासिल की है। छात्रा की इस कामयाबी में उसके शिक्षक माता-पिता अनुभा चंद्रन और सुजीत चंद्रन का बड़ा हाथ रहा है। लेकिन उसकी खुशी में शरीक होने के लिये उसके पिता सुजीत अब इस दुनिया में नहीं हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उनकी दो जुलाई को शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।

तनिष्का महज 13 साल की है और इतनी कम उम्र में 10वीं के बाद सीधे 12वीं पास करने वाली वह सूबे की संभवत: पहली छात्रा है। हालांकि, स्वाध्यायी छात्रा के रूप में 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति के लिये उसके परिवार को सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर काटने पड़े। तनिष्का की माता अनुभा ने मंगलवार को बताया, "हम भोपाल जाकर सरकारी अफसरों से कई बार मिले और नियम शिथिल करते हुए तनिष्का को 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति देने के लिये बड़ी मुश्किल से राजी किया।"

उन्होंने बताया कि उनकी बेटी आम बच्चों की तरह केजी-1 और केजी-2 में नहीं पढ़ी है। उसकी विलक्षण प्रतिभा को देखते हुए शहर के एक निजी विद्यालय ने उसे केवल तीन साल की उम्र में सीधे कक्षा-1 में दाखिल किया था। अनुभा ने बताया, "मेरी बेटी वर्ष 2015 से होम स्कूलिंग (स्वाध्यायी छात्रा के रूप में घर में पढ़ाई) कर रही है। अगर सही तरीके से पढ़ाया जाये, तो कोई भी बच्चा स्कूल के मुकाबले घर में बेहतर ज्ञान हासिल कर सकता है और खेल-कूद का मजा लेते हुए कई अतिरिक्त कौशल भी सीख सकता है। मेरे दिवंगत पति का भी यही सोचना था।"

इस बीच, अपने अकादमिक कीर्तिमान से उत्साहित तनिष्का ने बताया, "मैं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी बनना चाहती हूं। इसके साथ ही नृत्य में पीएचडी करना चाहती हूं।" छात्रा ने बताया कि वह मलयालम और उर्दू सरीखी भारतीय भाषाओं के साथ अमेरिकी और ब्रितानी लहजे में अंग्रेजी बोलना भी सीख रही है। तनिष्का ने अगला अकादमिक लक्ष्य भी तय कर लिया है। छात्रा ने कहा, "अब मैं सीधे बी. कॉम अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठना चाहती हूं।" 

Web Title: 13-year student created history in Madhya Pradesh, passed 12th right after 10th

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