हाई कोर्ट का आदेश, संशोधित होगा UPPSC-प्री 2017 का परिणाम, 5 सवालों के उत्तर थे गलत
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 30, 2018 03:59 PM2018-03-30T15:59:49+5:302018-03-30T15:59:49+5:30
कोर्ट ने चार सवालों को रद्द करने, चार सवालों के सी और डी दोनों उत्तर विकल्पों को सही मानने और चार सवालों के डी विकल्प भरने वालों के उत्तर सही मानकर परिणाम घोषित करने को कहा है।
इलाहाबाद, 30 मार्च। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीसीएसस) की पीसीएस-प्री परीक्षा 2017 परिणाम के पुनर्मूल्यांकन का निर्देश देते हुए कहा है कि नए सिरे से परीक्षा कराना सही नहीं होगा। कोर्ट ने चार सवालों को रद्द करने, चार सवालों के सी और डी दोनों उत्तर विकल्पों को सही मानने और चार सवालों के डी विकल्प भरने वालों के उत्तर सही मानकर परिणाम घोषित करने को कहा है।
इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि, पुनर्मूल्यांकन में असफल होने वाले अभ्यर्थियों का परिणाम रद्द समझा जाएगा। यह आदेश जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस सरल श्रीवास्तव की बेंच ने सुनाया है। राहुल सिंह और अन्य परीक्षार्थियों की याचिकाओं को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की।
इस याचिका में परीक्षा में सवालों के उत्तर विकल्प गलत होने के आधार पर परिणाम को चुनौती दी गई थी। इसके अलावा हाई कोर्ट ने पीसीएस प्री 2017 के पांच प्रश्नों के गलत उत्तरों को चुनौती देने वाली याचिकाएं निस्तारित कर दी है। उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग को फिर से मूल्यांकन का निर्देश देते हुए कहा है कि ए, बी, सी और डी सीरीज के प्रश्न संख्या 67, 140, 44 और 106 को डिलीट किया जाए।
ए, बी, सी व डी सीरीज के प्रश्न संख्या 121, 44, 98 व 10 में जिन अभ्यर्थियों ने सी या डी उत्तर दिया है, उन्हें पूरे अंक दिए जाएं। साथ ही ए, बी, सी व डी सीरीज के प्रश्न संख्या 56, 129, 33 व 105 में जिन अभ्यर्थियों ने डी उत्तर दिया है, उन्हें पूर्ण अंक दिए जाएं।