विवादित कट्टरपंथी प्रचारक जाकिर नाइक को मलेशिया की सरकार ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। मलेशिया सरकार का दावा है कि जाकिर नाईक ने देश भावनाओं को भड़काया है और नस्ल भेदी टिप्पणी करते हैं। मलेशिया के गृह मंत्री मुहिद्दीन यासिन के मुताबिक पुलिस नाइक और कुछ और लोगों से इस संबंध में पूछताछ करेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने जाकिर नाइक को भारत वापस भेजने की मांग की है। मलेशिया की सरकार में मंत्री कुलेसगरन ने जाकिर नाइक को शरण दिए जाने पर नाइक को नोटिस जारी किया है। भारत में नाइक पर नफरत भरे भाषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज हैं।
मलेशिया सरकार के मुताबिक, जाकिर नाइक का बयान बेहद भड़काऊ है। जिससे मलेशिया के बहुसांस्कृतिक समाज को खतरा हो सकता है। सरकार ने यह भी कहा है कि नाइक के बयानों से मुस्लिमों और गैर-मुस्लिम समाज के बीच विवाद पैदा हो सकता है। मलेशिया सरकार ने गुरुवार (15 अगस्त) को यह जानकारी दी थी कि सरकार के कुछ मंत्रियों ने विगत बुधवार को नाइक को बर्खास्त करने की मांग की थी।
जाकिर नाइक पर क्या हैं आरोप
नाइक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और आईपीसी की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 और 505 (2) के तहत आरोप हैं। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली थी तो वो 1 जुलाई, 2016 को वह भारत से भाग गया था। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया। दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था।