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मॉब लिंचिंग और बलात्कार पीड़िता को अंतरिम राहत देगी योगी सरकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 10, 2019 17:36 IST

सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया, ‘‘मंत्रिमंडल ने बलात्कार और मॉब लिंचिंग के ऐसे मामले जिनमें जांच लंबित है, उनके पीड़ितों को अंतरिम राहत उपलब्ध कराने का फैसला किया है।’’

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ठळक मुद्देमॉब लिंचिंग के पीड़ितों को कितनी मदद दी जाएगी, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि ऐसी हिंसा के कई प्रकार हैं।सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म 'सुपर-30' को राज्य जीएसटी में राहत देने का भी निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग व बलात्कार के अपराध के पीड़ितों को अंतरिम राहत मुहैया कराने का फैसला किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया, ‘‘मंत्रिमंडल ने बलात्कार और मॉब लिंचिंग के ऐसे मामले जिनमें जांच लंबित है, उनके पीड़ितों को अंतरिम राहत उपलब्ध कराने का फैसला किया है।’’

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सम्बन्धित श्रेणी में दी जाने वाली राहत की राशि के अधिकतम 25% हिस्से को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर दिया जाएगा। सिंह ने बताया कि अभी तक बलात्कार और मॉब लिंचिंग के मामलों में फौरी मदद के बजाय जांच के बाद ही पीड़ितों को मदद दी जाती थी।

मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को कितनी मदद दी जाएगी, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि ऐसी हिंसा के कई प्रकार हैं और मामले की किस्म के आधार पर मुआवजा तय किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में राज्य सरकारों से मॉब लिंचिंग के मामलों में विभिन्न परिस्थितियों में घटना के 30 दिनों के अंदर पीड़ित या उसके परिजन को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया था।

सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म 'सुपर-30' को राज्य जीएसटी में राहत देने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मुद्दे पर आधारित फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' को भी ऐसी ही छूट देने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए हैं। 

जेवर हवाई अड्डे के लिये उत्तर प्रदेश सरकार मुफ्त देगी जमीन

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने गौतम बुद्ध नगर में बनने वाले जेवर हवाई अड्डे के लिये ग्रामसभा और राज्य सरकार की जमीन नागरिक उड्डयन विभाग को मुफ्त देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी।

उन्होंने बताया, ‘‘बैठक में जेवर हवाई अड्डे के लिये नागरिक उड्डयन विभाग को ग्रामसभा की 59.79 हेक्टेयर और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली 21.36 हेक्टेयर जमीन मुफ्त देने का फैसला किया गया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘पहले चरण में इस हवाई अड्डे का विस्तार 1334 हेक्टयर क्षेत्र में किया जाएगा और इसके वर्ष 2023 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है।’’

करीब 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाले जेवर हवाई अड्डे के निर्माण पर 15754 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसका संचालन पूरी तरह शुरू होने पर इसमें आठ रनवे काम करेंगे। इतनी संख्या में रनवे देश के किसी दूसरे हवाई अड्डे पर नहीं हैं। हवाई अड्डे का निर्माण वर्ष 2020 के शुरुआती महीनों में प्रारम्भ होने की सम्भावना है। 

बापू की 150वीं जयंती पर होगा विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष सत्र

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में दो अक्टूबर से विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का मंगलवार को अनुमोदन किया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दो अक्टूबर से विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने के निर्णय को हरी झंडी दे दी गयी।

उन्होंने बताया, ‘‘इस सत्र की बैठक दो अक्टूबर को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होकर तीन अक्टूबर की रात तक लगातार चलेगी। इस बैठक में विधानमंडल के तमाम सदस्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनुमोदित समन्वित विकास सम्बन्धी लक्ष्यों के बारे में चर्चा करेंगे।’’ शर्मा ने बताया, ‘‘बैठक में भारत द्वारा वर्ष 2015 में हस्ताक्षरित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव में बताये गये सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने के उपायों पर भी बात होगी।’’ विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई सर्वदलीय बैठक में लिया गया था।

भारत समेत 106 देशों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित सतत विकास लक्ष्य सम्बंधी दस्तावेज पर दस्तखत किये हैं। इनमें गरीबी उन्मूलन, लैंगिक आधार पर भेदभाव को समाप्त करने, कुपोषण, सभी को स्वास्थ्य, सभी को बिजली, सभी को शिक्षा, पोषण तथा पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य शामिल हैं। विधानमंडल के इस विशेष सत्र में सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के पास अपने—अपने निर्वाचन क्षेत्रों में व्याप्त समस्याओं को सामने रखने और सतत विकास के लिये जरूरी सुझाव देने का मौका होगा। 

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