इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार (01 फ़रवरी) को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ी राहत दी। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को उचित माना जिसमें साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे में सीएम आदित्यनाथ समेत आठ अभियुक्तों के आरोपियों को बरी कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता रशीद खान की याचिका को खारिज कर दिया। खान ने हाई कोर्ट में अपील की थी कि गोरखपुर की स्थानीय अदालत ने अभियुक्तों को बरी करने के खिलाफ उनकी अपील नहीं सुनी थी। हाई कोर्ट ने स्थानीय अदालत से इस मामले में जवाब तलब किया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस बाला कृष्णन नारायण ने अपने फैसले में कहा कि स्थानीय अदालत के फैसले में हस्तक्षेप की कोई वजह नहीं है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की दलील में कोई दम नहीं है। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एक मौका देते हुए आदेश दिया कि सीजेएम गोरखपुर एक बार फिर पूरे मामले को कानून की रोशनी में देखें और स्वतंत्र विवेक से फैसला लें।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता रशीद खान के वकील फरमान नक़वी ने कहा कि उनकी याचिका आंशिक रूप से खारिज हुई है लेकिन आदेश हमारे पक्ष में है क्योंकि इससे मामले की दोबारा सुनवाई का मौका मिला है। फरमान नकवी ने कहा कि पिछली बार हमें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला था लेकिन इस बार हाई कोर्ट के आदेश के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने हम भी अपना पक्ष रख सकेंगे।