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Yes Bank Crisis: SBI ने येस बैंक में निवेश की जताई इच्छा, निवेशक को लेनी होगी 49 फीसदी हिस्सेदारी, जानें RBI का प्लान

By भाषा | Updated: March 7, 2020 08:44 IST

Yes Bank Crisis: रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि एसबीआई (SBI) ने येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है और वह बैंक की पुनर्गठन योजना में भागीदारी का इच्छुक है। एक दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है।

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ठळक मुद्देYes Bank Crisis: SBI के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार (6 मार्च) को कहा था कि येस बैंक की समस्या सिर्फ उससे जुड़ी है, यह पूरे बैंकिंग क्षेत्र की समस्या नहीं है।Yes Bank Crisis: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि येस बैंक में क्या गलत हुआ?

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ‘येस बैंक लि. पुनर्गठन योजना, 2020’ के मसौदे में यह भी कहा है कि रणनीतिक निवेशक बैंक को येस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेनी होगी। निवेशक बैंक येस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को पूंजी डालने के दिन से तीन साल तक 26 प्रतिशत से नीचे नहीं ला सकता है।

मसौदे में कहा गया है कि प्रभावी तारीख से निजी क्षेत्र के इस बैंक की अधिकृत पूंजी 5,000 करोड़ रुपये पर होगी। बैंक के शेयरों की संख्या 2,400 करोड़ रहेगी और इनका अंकित मूल्य दो रुपये प्रति शेयर होगा। इस मसौदे पर अंशधारकों से नौ मार्च तक टिप्पणियां मांगी गई हैं। इसमें कहा गया है कि निवेशक बैंक को पुनर्गठित बैंक में इतना इक्विटी निवेश करने की जरूरत होगी, जिससे निवेश के बाद उसकी बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रहे। यह निवेश 10 रुपये से कम (दो रुपये के अंकित मूल्य पर) पर नहीं होगा। इसमें आठ रुपये का प्रीमियम होगा।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि एसबीआई ने येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है और वह बैंक की पुनर्गठन योजना में भागीदारी का इच्छुक है। एक दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया। इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है। 

येस बैंक की समस्या सिर्फ उसकी, बैंकिंग क्षेत्र की नहीं : एसबीआई प्रमुख

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार (6 मार्च) को कहा था कि येस बैंक की समस्या सिर्फ उससे जुड़ी है, यह पूरे बैंकिंग क्षेत्र की समस्या नहीं है। कुमार यह बात रिजर्व बैंक के पांच मार्च को येस बैंक पर रोक लगाने के अगले दिन कही। केंद्रीय बैंक ने निजी क्षेत्र के देश के चौथे सबसे बड़े बैंक येस बैंक के नया कर्ज बांटने, कर्ज पुनर्गठित करने और निवेश करने पर रोक के साथ-साथ उसके निदेशक मंडल को भी तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। इसके अलावा बैंक के ग्राहकों पर 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की पाबंदी लगायी है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, आरबीआई पता लगाएगा येस बैंक में क्या गलत हुआ?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार(सात मार्च) को कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि येस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए। रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के बोर्ड को भंग करने और जमा खाताधारकों की निकासी सीमा तय करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक की 2017 से निगरानी की जा रही थी और इससे संबंधित गतिविधियों की हर दिन निगरानी की गई।

टॅग्स :यस बैंकस्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया(एसबीआई)भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)निर्मला सीतारमण
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