Wrestlers Protest: राकेश टिकैत का अल्टीमेटम, कहा- 'सरकार के पास 9 जून तक का समय है, उसके बाद...'
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 2, 2023 06:35 PM2023-06-02T18:35:11+5:302023-06-02T18:36:43+5:30
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने यह फैसला किया है कि हम महिला पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए देश भर में ऐसे ही खाप पंचायत आयोजित करेंगे। टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार के पास 9 जून तक का समय है।
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे पहलवानों के समर्थन में कुरुक्षेत्र में खाप महापंचायत हुई। महापंचायत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर पहलवानों के साथ न्याय नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा।
राकेश टिकैत ने कहा, "बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी से कम पर समझौता नहीं होगा। किसी के साथ कोई हादसा होता है तो जिम्मेदारी उसकी (बृजभूषण सिंह) होगी। अगर हमें 9 जून को जंतर-मंतर पर बैठने की अनुमति नहीं दी गई तो आंदोलन की घोषणा की जाएगी। केंद्र सरकार के पास 9 जून तक का समय है। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम 9 जून को जंतर-मंतर जाएंगे और देशभर में पंचायत करेंगे। हमारी मांग है कि पहलवानों पर लगे मुकदमे वापस हों और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो।"
"If we aren't allowed to sit at Jantar Mantar on June 9 then there will be an announcement of Andolan," announces Khap leaders after meeting in support of wrestlers
— ANI (@ANI) June 2, 2023
Central govt has time till June 9. We will not compromise on anything less than the arrest of Brij Bhushan Sharan… pic.twitter.com/sR9jS4bjmg
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने यह फैसला किया है कि हम महिला पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए देश भर में ऐसे ही खाप पंचायत आयोजित करेंगे। शामली में 11 जून और हरिद्वार में 15 से 18 जून तक पंचायत होगी।
बृजभूषण सिंह द्वारा अपनी अयोध्या रैली रद्द करने के फैसले पर राकेश टिकैत ने कहा कि महापंचायत का दवाब था, ऐसे ही हमें दवाब बनाए रखना होगा। आने वाले दिनों में कुछ नहीं होता तो हमारा धरना गांव-गांव में होगा।
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया जैसे कई शीर्ष पहलवान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया 30 मई को अपने पदकों को गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार गए थे। हालांकि पहलवानों ने पदक गंगा में नहीं बहाया और किसान नेता नरेश टिकैत को सौंप दिया।
देश भर में पहलवानों के लिए समर्थन भी बढ़ रहा है। प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा अपने पदक गंगा में बहाने की आशंका से चिंतित 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को उनसे आनन-फानन में फैसला नहीं लेने का अनुरोध करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जाएगा।