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World Population Day: सबसे तेजी से बिहार में बढ़ रही जनसंख्या, 12 करोड़ पहुंच चुकी है आबादी

By एस पी सिन्हा | Updated: July 11, 2019 16:34 IST

रिपोर्ट के अनुसार साल 2001 से 2011 के बीच देश की जनसंख्या वृद्धि दर 17.64 फीसदी की थी, तो बिहार में यह 25.07 फीसदी रही. जनसंख्या वृद्धि दर का ही नतीजा रहा कि 2011 में बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 38 लाख हो गई.

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बिहार में सबसे अधिक तेजी से जनसंख्या वृद्धि देखी जा रही है. ऐसे में जनसंख्या वृद्धि दर के आधार पर 2018 में बिहार की जनसंख्या 12 करोड़ आंकी गई थी. वहीं, जनसंख्या के लिहाज से हरेक जिले की आबादी का औसत 27 लाख से अधिक है. इस तरह से जनसंख्या वृद्धि में बिहार और देश में कई अंतर हैं. बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक दबाव है, जहां लोगों के जीविका का मुख्य साधन जमीन है.      रिपोर्ट के अनुसार साल 2001 से 2011 के बीच देश की जनसंख्या वृद्धि दर 17.64 फीसदी की थी, तो बिहार में यह 25.07 फीसदी रही. जनसंख्या वृद्धि दर का ही नतीजा रहा कि 2011 में बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 38 लाख हो गई. वहीं, देश के जनसंख्या घनत्व का औसत 382 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है तो बिहार का राष्ट्रीय औसत से तीन गुना अधिक 1106 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है. ऐसे में जनसंख्या घनत्व का सबसे अधिक दबाव शिवहर में है, जहां की जनसंख्या 1882 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है, जबकि सबसे कम कैमूर में 488 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है.

वहीं, दक्षिण बिहार की तुलना में उत्तर बिहार में जनसंख्या का अधिक दबाव है. 1400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक जनसंख्या घनत्व के राज्य के 10 जिले में से नौ उत्तर बिहार के हैं. बताया जाता है कि शहरीकरण में बिहार पिछड़ा है. देश में 5161 से बढ़कर 7935 शहर हो गए, तो बिहार में 2001 में 130 शहरों की संख्या बढ़कर 2011 में 199 हुई. शहरीकरण की सबसे कम वृद्धि दर समस्तीपुर और बांका में 3.5 फीसदी रही. जबकि सबसे तेज शहरीकरण पटना का रहा.

साथ ही वर्ष 2021 में बिहार की जनसंख्या 12.30 करोड़, वर्ष 2031 में 13.95 करोड़ और वर्ष 2041 तक 15.34 करोड़ हो जाने का अनुमान लगाया गया है. बिहार की वर्ष 2011 से वर्ष 2041 तक जनसंख्या वृद्धि का औसतन प्रतिशत करीब 24.7 रहने का अनुमान लगाया गया है. अगर ऐसा होता है, तो यह पूरे देश में सबसे अधिक होगा. दूसरे नंबर पर बिहार से अलग हुए राज्य झारखंड होगा, जिसका वर्ष 2011 से वर्ष 2041 तक जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत औसतन 18.8 रहने की संभावना जतायी जा रही है. पूरे देश में सबसे कम औसतन वृद्धि प्रतिशत तमिलनाडु का रहने का अनुमान लगाया गया है, जो करीब दो फीसदी ही होगा.

इसी तरह पटना में शहरीकरण की दर 43.1 फीसदी रही. देश की तर्ज पर बिहार के जिलों में भी जनसंख्या वृद्धि में काफी अंतर है. 10 साल में सबसे कम जनसंख्या गोपालगंज में 18.8 फीसदी की वृद्धि हुई तो मधेपुरा में 31.1 फीसदी की दर से आबादी बढ़ी. जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा जिला पटना है, जहां 58 लाख से अधिक आबादी रहती है. कुल जनसंख्या का यह 5.6 फीसदी है. जबकि सबसे कम आबादी शिवहर की 6.6 लाख है. यह राज्य की कुल आबादी का 0.6 फीसदी है. पुरुष-महिला का अनुपात सबसे अधिक गोपालगंज में 1015 है, तो सबसे कम मुंगेर-भागलपुर में यह 879 है. 

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