World Environment Day: जब भारत में जंगल बचाने के लिए पेड़ों से लिपट गई थीं महिलाएं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2019 08:36 AM2019-06-05T08:36:02+5:302019-06-05T08:36:02+5:30

चिपको आंदोलन ने पर्यावरण सुरक्षा को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया तो इंदिरा गांधी ने हिमालय के वनों में पेड़ों की कटाई पर 15 वर्षों तक प्रतिबंध लगा दिया था।

World Environment Day: women started chipko movement for save tree | World Environment Day: जब भारत में जंगल बचाने के लिए पेड़ों से लिपट गई थीं महिलाएं

चिपको आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भागीदारी की थी।

Highlights पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास के मद्देनजर इसकी शुरुआत आज से 47 साल पहले हुई थी। चिपको आंदोलन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के चमोली जिले (अब उत्तराखंड में) से हुई थी।

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है। पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास के मद्देनजर इसकी शुरुआत आज से 47 साल पहले हुई थी। पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें 119 देशों ने एक ही पृथ्वी का सिद्धांत को मान्यता दी थी। 

इस सम्मेलन के ठीक एक साल बाद भारत में भी जंगल बचाने के लिए बड़ा आंदोलन हुआ जिसे चिपको आंदोलन के नाम से जाना जाता है।

पेड़ों से लिपट गई महिलाएं

चिपको आंदोलन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के चमोली जिले (अब उत्तराखंड में) से हुई थी। स्थानीय निवासियों ने जंगलों में ठेकेदारों द्वारा पेड़ों की कटाई के विरोध में यह आंदोलन शुरू किया था। जंगलों में पेड़ों की कटाई के खिलाफ लोग पेड़ों से चिपक गए थे और उनका कहना था कि पेड़ों के साथ हमें भी काट दिया जाए।

चमोली से शुरू हुआ चिपको आंदोलन धीरे-धीरे पूरे उत्तराखंड में फैल गया और लोग पेड़ों को बचाने के लिए पेड़ों से लिपट गए थे। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भागीदारी की थी। इस आंदोलन का नेतृत्व भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा, गौरा देवी और चंडीप्रसाद भट्ट किया था।

धीरे-धीरे चिपको आंदोलन पूरे उत्तर भारत में फैलता गया। 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान दिया था। पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में यह भारत का प्रारंभिक कदम था। जब चिपको आंदोलन ने पर्यावरण सुरक्षा को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया तो इंदिरा गांधी ने हिमालय के वनों में पेड़ों की कटाई पर 15 वर्षों तक प्रतिबंध लगा दिया था।

Web Title: World Environment Day: women started chipko movement for save tree

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