International Women’s Day: वो 5 अधिकार जिसके बारे में देश की हर महिला को पता होना चाहिए

By अनुराग आनंद | Updated: March 8, 2021 10:46 IST2021-03-08T10:27:56+5:302021-03-08T10:46:52+5:30

भारतीय संविधान में कई ऐसे प्रावधान व अधिकार हैं, जिसके जरिए एक महिला किसी भी तरह के अपराध के खिलाफ विरोध दर्ज करा सकती हैं और अपनी हक की लड़ाई लड़ सकती हैं। आज महिला दिवस के मौके पर ऐसे ही 5 अधिकारों की बात करेंगे।

Women’s Day Special: Know your rights- Important laws every Indian woman must know | International Women’s Day: वो 5 अधिकार जिसके बारे में देश की हर महिला को पता होना चाहिए

महिलाओं को पता होना चाहिए अपने खास अधिकार (फाइल फोटो)

Highlightsहर साल, 8 मार्च को दुनिया भर में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं के अधिकार से लेकर कई ऐसे अधिकार हैं, जिनके बारे में भारत में महिलाएं को पता नहीं होता है। 

नई दिल्ली: हर साल, 8 मार्च को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व के लोग यह खास दिन उन महिलाओं के नाम समर्पित करते हैं, जिन्होंने देश और दुनिया में अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर योगदान दिया है।

साथ ही आम लोग महिलाओं के संघर्षों को स्वीकार कर दुनिया की आधी आबादी के लिए भेद-भाव व शोषण मुक्त एक बेहतर समाज बनाने की संकल्प लेते हैं।

8 मार्च वैश्विक महत्व का दिन भले ही हो, लेकिन महिलाओं को यह खास दिन केवल 24 घंटे तक सेलिब्रेट करने के बजाय इसके महत्व को समझ इस खुशी को हमेशा महसूस करने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि महिलाओं को अपने संवैधानिक अधिकारों की समझ हो। 

महिलाओं को पता हो कि उनके अधिकार क्या हैं? कोई समाज, व्यक्ति या फिर सरकार यदि उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दे तो वह अपने अधिकारों की रक्षा किस तरह से कर सकती हैं।

आइए आज ऐसे ही 5 अधिकारों के बारे में जानते हैं, जिसे हर महिलाओं को पता होना चाहिए।  

1. दफ्तर में उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार: देश में  # मी टू आंदोलन ने साबित कर दिया कि महिला व लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और यौन शोषण दफ्तरों से लेकर  किसी स्कूल के कक्षाओं तक में मौजूद है। देश भर में कामकाजी महिलाएं रोजाना गलत व्यवहार और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ती हैं।

इसलिए, महिलाओं के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि उन्हें दफ्तर या कार्यालय में काम करने के समय उत्पीड़न से बचाने के लिए कार्यस्थल अधिनियम कानून- 2013 है। यह कानून कार्यस्थल पर महिलाओं को उत्पीड़न से बचाता है। किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न की शिकायतों की स्थिति में महिला इस कानून की मदद ले सकती हैं।

2. घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार: 2019 में, घरेलू हिंसा भारतीय महिलाओं द्वारा सामना किया गया शीर्ष अपराध था। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि 2019 में महिलाओं ने कुल 4.05 लाख अपराध के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिनमें से 1.26 लाख घरेलू हिंसा के मामले थे। सभी क्षेत्रों की महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है।

ऐसे में महिलाओं के पता होना चाहिए कि घर की चाहरदीवारी के अंदर भी घरेलू हिंसा से बचाने के लिए संविधान में घरेलू हिंसा अधिनियम- 2005 के तहत उन्हें सुरक्षा दी गई है। माता-पिता, भाई, पति, लिव-इन पार्टनर या परिवार के दूसरे सदस्यों द्वारा किसी तरह के हमला खिलाफ महिला इस अधिकार के तहत शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई कर सकती हैं।

3. गुमनामी का अधिकार: महिलाओं को प्रदान किए गए इस अधिकार के तहत यदि किसी महिला के साथ यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ आदि होता है तो महिलाओं की पहचान की रक्षा करने के संविधान द्वारा उन्हें अधिकार दिए गए हैं। इस अधिकार के तहत उन्हें एक अनैतिक मामले में जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष गुमनाम के रूप से अपने बयान दर्ज करने की अनुमति दिया जाता है। गुमनामी का अधिकार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 228 (ए) के तहत आता है।

4. मातृत्व लाभ का अधिकार: मातृत्व लाभ अधिनियम- 1961 के तहत महिलाओं को मातृत्व लाभ का अधिकार प्रदान किया गया है। इस अधिनियम के तहत हर कंपनी व संस्था को उनके यहां काम कर रही कामकाजी महिला को स्वंय और अपने बच्चे की देखभाल के लिए पैसा काटे बिना एक खास समय तक छुट्टी प्रदान करने का निर्देश है। महिलाएं अपने इस अधिकार का लाभ उठा सकती हैं। कोई भी संगठन जिसमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं, उसे हर हाल में इस अधिनियम का पालन करना होता है। 

5. गिरफ्तारी का अधिकार: सुबह 6 बजे से पहले और शाम के 6 बजे के बाद किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, भले ही पुलिस के पास गिरफ्तारी वारंट ही क्यों न हो। भारत के नागरिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा- 46 के अनुसार, एक महिला को पुलिस स्टेशन जाकर बयान दर्ज कराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत किसी मामले में पूछताछ के लिए पुलिस को महिला कांस्टेबल के साथ आरोपी महिला के घर पर जाना होगा व वहां परिवार या दोस्त की मौजूदगी में पुलिस पूछताछ कर सकती हैं।

Web Title: Women’s Day Special: Know your rights- Important laws every Indian woman must know

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