1994 में इसरो जासूसी मामले में गिरफ्तार महिलाएं जासूस नहीं थीं : केरल उच्च न्यायालय को बताया गया

By भाषा | Updated: August 11, 2021 22:59 IST2021-08-11T22:59:09+5:302021-08-11T22:59:09+5:30

Women arrested in 1994 ISRO espionage case were not spies: Kerala High Court told | 1994 में इसरो जासूसी मामले में गिरफ्तार महिलाएं जासूस नहीं थीं : केरल उच्च न्यायालय को बताया गया

1994 में इसरो जासूसी मामले में गिरफ्तार महिलाएं जासूस नहीं थीं : केरल उच्च न्यायालय को बताया गया

कोच्चि, 11 अगस्त केरल उच्च न्यायालय को बुधवार को बताया गया कि 1994 में कथित इसरो जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायणन के साथ गिरफ्तार की गईं मालदीव की दो महिलाएं जासूस नहीं थीं और उन्हें फंसाया गया था।

केरल पुलिस के तीन अधिकारियों और गुप्तचर ब्यूरो के एक अधिकारी की दलीलें पूरी होने के बाद महिलाओं की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति अशोक मेनन के समक्ष यह अभिवेदन किया।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इन अधिकारियों और 14 अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, अपहरण और सबूतों से छेड़दाड़ जैसे आरोपों में मामला दर्ज किया था।

सीबीआई की दलीलें भी पूरी हो गई हैं जिनमें इसने कहा है कि पाकिस्तान की आईएसआई जैसी विदेशी एजेंसियों ने भारत के क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी विकास को पटरी से उतारने के लिए जासूसी का खेल गढ़ा था और साजिश में शामिल लोगों से पूछताछ किए जाने की आवश्यकता है।

मालदीव की महिलाओं-मरियम रशीदा और फौजिया हसन की ओर से पेश वकील प्रसाद गांधी ने कहा कि वे जासूस नहीं थीं और उन्हें फंसाया गया था।

नारायणन ने दावा किया था कि उन्हें फंसाने के पीछे अमेरिका का हाथ था।

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Web Title: Women arrested in 1994 ISRO espionage case were not spies: Kerala High Court told

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