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महिला अधिवक्ता ने आईएएस अधिकारी पर लगाया उसके बेटे के पिता होने का आरोप, पटना हाई कोर्ट में दायर की याचिका

By एस पी सिन्हा | Updated: September 30, 2022 16:47 IST

कुछ महीने पहले महिला ने आरोप लगाया था कि आईएएस अधिकारी ने दूसरे राज्‍य के होटल में ले जाकर कई बार शारीरिक शोषण किया। महिला ने एक पूर्व विधायक पर भी आरोप लगाया था। महिला ने दानापुर कोर्ट में अर्जी दायर कर गुहार लगाई थी क‍ि नेता और आईएएस अधिकारी उनके साथ कई बार शारीरिक संबंध बना चुके हैं। 

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ठळक मुद्देयाचिका में यह भी मांग की गई है कि पिता-पुत्र का डीएनए टेस्‍ट करने पर यह बात स्‍थापित हो जाएगी।पीड़ित महिला ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि एसीजीएम दानापुर द्वारा 12 मई 2022 को दिए गए आदेश को रद्द करते हुए केस दर्ज करे।

पटना: बिहार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस पर एक महिला अधिवक्ता ने गंभीर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है। उसने दावा किया है कि उसके बेटे के पिता आईएएस अधिकारी संजीव हंस ही हैं। अधिवक्ता ने अपने बेटे और आईएएस अधिकारी का संबंध स्‍थापित करने के लिए डीएनए टेस्‍ट की गुहार लगाई है। हाई कोर्ट की अधिवक्ता ने इस संबंध में पटना हाई कोर्ट में ही अर्जी लगाई है। 

इससे पहले यह मामला लोअर कोर्ट में था, लेक‍िन वहां से फैसला महिला के पक्ष में नहीं था। पीड़ित महिला ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि एसीजीएम दानापुर द्वारा 12 मई 2022 को दिए गए आदेश को रद्द करते हुए केस दर्ज करे। महिला अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चार वर्ष का उसका पुत्र आर्यन ने लगभग चार साल पूर्व 25 दिसंबर 2018 को जन्म लिया है। 

कथित रूप से यह बच्चा राज्य के ऊर्जा सचिव संजीव हंस का है। कुछ महीने पहले इसी महिला ने आरोप लगाया था कि आईएएस अधिकारी ने दूसरे राज्‍य के होटल में ले जाकर कई बार शारीरिक शोषण किया। महिला ने एक पूर्व विधायक पर भी आरोप लगाया था। महिला ने दानापुर कोर्ट में अर्जी दायर कर गुहार लगाई थी क‍ि नेता और आईएएस अधिकारी उनके साथ कई बार शारीरिक संबंध बना चुके हैं। 

याचिका में यह भी मांग की गई है कि पिता-पुत्र का डीएनए टेस्‍ट करने पर यह बात स्‍थापित हो जाएगी। साथ ही याचिका में यह भी आग्रह किया गया है कि एसीजीएम दानापुर द्वारा 12 मई, 2022 को दिए गए आदेश को रद्द करते हुए रूपसपुर थाना को कंप्लेंट केस नंबर- 1122 सी 2021 के आधार पर ऊर्जा सचिव संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, व ललित (गुलाब यादव के नौकर) पर धारा 323, 341, 376, 376(डी), 420, 312, 120 बी, 504, 506 व 341 आईपीसी और 67 आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज किया जाए।

बता दें कि पीड़ित महिला ने पूर्व में आरोप लगाया था कि राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव और राज्य सरकार के एक आईएएस अधिकारी संजीव हंस ने कई दिनों तक दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। इसके बाद गर्भवती हो गई। इन पर कार्रवाई के लिए इससे जुड़े दस्तावेज सरकार के पास भी भेजा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। थाने में जब केस दर्ज नहीं किया गया तो पटना के दानापुर कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराना पड़ा। हालांकि वहां यह मामला खारिज हो गया।

टॅग्स :बिहारIASPatna High Court
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