राजस्थान सरकार ने किया साफ, नहीं किया जाएगा पुरानी पेंशन योजना को लागू
By रामदीप मिश्रा | Published: January 22, 2019 08:21 PM2019-01-22T20:21:56+5:302019-01-22T20:21:56+5:30
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने नितिन गडकरी को लिखे एक पत्र में कहा है कि यह योजना सरकार पर वित्तीय दबाव के चलते लागू की गई। राज्य सरकार की ओर से केन्द्र को इस संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया है।
राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने मंगलवार (22 जनवरी) को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में कार्मिकों के लिए नवीन पेंशन योजना केन्द्र सरकार की योजना के अनुसार लागू की गई है। देश के 28 राज्यों ने इसे मंजूर किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का विचार नहीं है।
मंत्री धारीवाल सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का वित्त मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नवीन पेंशन योजना 1 जनवरी, 2004 से लागू की गई थी। लगभग 4 लाख कार्मिक इसमें अंशदान दे रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने नितिन गडकरी को लिखे एक पत्र में कहा है कि यह योजना सरकार पर वित्तीय दबाव के चलते लागू की गई। राज्य सरकार की ओर से केन्द्र को इस संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया है।
मंत्री धारीवाल ने बताया कि नवीन पेंशन योजना के तहत मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि का दस प्रतिशत अंशदान कार्मिक का होता है और दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार देती है। इससे 1 वर्ष में लगभग 1800 करोड़ रुपए का भार राज्य सरकार पर होता है जो हर वर्ष 10 प्रतिशत बढ़ता है। इसी तरह पुरानी पेंशन योजना से राज्य सरकार पर 17989 करोड़ का भार आता है जो हर वर्ष 10 प्रतिशत बढ़ता है।
इससे पहले विधायक पुखराज की ओर से पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना पुनः शुरू करने का विचार नहीं है, क्योंकि भारत सरकार की अधिसूचना 22 जनवरी, 2003 के द्वारा केन्द्रीय सरकार के सभी कार्मिकों पर 1 जनवरी, 2004 से नवीन पेंशन योजना लागू की गई थी।
उन्होंने कहा कि इसी कारण प्रदेश को भी नवीन पेंशन योजना को लागू करना पड़ा। आगे भी भारत सरकार द्वारा योजना में कोई परिवर्तन किया जाएगा, तब प्रदेश में भी उस पर विचार किया जा सकेगा।