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बंगाल में भाजपा उम्मीदवार के रूप में पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को देख लेंगे: तृणमूल विधायक

By भाषा | Updated: August 14, 2021 18:29 IST

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कोलकाता, 14 अगस्त तृणमूल कांग्रेस के विधायक जगदीश चंद्र बरमा बसुनिया ने शनिवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि पश्चिम बंगाल में 2023 के पंचायत चुनावों में कोई केंद्रीय बल नहीं होगा और सत्तारूढ़ दल के सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवारों के रूप में ग्राम चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को ‘‘देख लेंगे।’’

हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस तरह की टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया और कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से पंचायत चुनाव जीतने के लिए आश्वस्त है।

तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में, जलपाईगुड़ी जिले से सीताई के विधायक ने कहा, ‘‘इसे ध्यान में रखें। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के विपरीत, 2023 के पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाएगा। यहां अगले ग्राम चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे हैं, वे सतर्क रहें। हमारे लोग आपको देख लेंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यदि आप भाजपा जैसी हत्यारी और सांप्रदायिक पार्टी के नाम पर वोट मांगते हैं, तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पार्टी इस तरह की टिप्पणियों की अनुमति नहीं देती है।

उन्होंने कहा, ‘‘पंचायत चुनाव अभी दूर हैं। हम लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। बंगाल के लोगों ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को भारी वोट दिया है और पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की साजिश और धमकी को परास्त किया है। वे हमारा समर्थन करना जारी रखेंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस की राज्य इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था, लेकिन उन्हें मतदाताओं ने खारिज कर दिया।

विधायक बसुनिया की टिप्पणियों की निंदा करते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि उन्होंने जो कहा है उस पर अमल करें। इस तरह के शब्द हमारे कार्यकर्ताओं में डर पैदा नहीं कर सकते। हम तृणमूल कांग्रेस की आतंकी रणनीति के खिलाफ लड़ेंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि बसुनिया ने मार्च और अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया था क्योंकि उन्हें लोगों के गुस्से का डर था।

घोष ने कहा, ‘‘2018 के चुनावों के बाद से समय बदल गया है और भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में 77 सीटें जीती हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि तृणमूल कांग्रेस तीन साल पहले अपनाई गई अपनी रणनीति पर अमल नहीं कर पाये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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