मारे गए ‘निर्दोष’ व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा क्यों न दिया जाए?: आयोग
By भाषा | Published: February 26, 2021 09:56 PM2021-02-26T21:56:02+5:302021-02-26T21:56:02+5:30
नयी दिल्ली, 26 फरवरी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शुक्रवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जून 2017 में नक्सलियों के विरुद्ध एक अभियान के दौरान सेना की एक टुकड़ी द्वारा “बिना सूचित किए और विवेकहीन तरीके से” की गई गोलीबारी में मारे गए एक निर्दोष नागरिक के परिजन को पांच लाख रुपये मुआवजा क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। इस बाबत रक्षा मंत्रालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आयोग की ओर से जारी एक वक्तव्य में यह भी कहा गया कि यदि रक्षा मंत्रालय मृतक के परिवार को मुआवजे की राशि देता है तो इससे स्थानीय लोगों में “सकारात्मक संदेश” जाएगा और “सेना की विश्वसनीयता बढ़ेगी।”
आयोग ने अपने सचिव के जरिये 24 फरवरी को रक्षा मंत्रालय को कारण बताओ नोटिस जारी कर सवाल किया कि मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।
आयोग ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में 14 . 15 जून 2017 के बीच चांगलांग जिले के नान्तोक सर्कल में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान के दौरान सेना की 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) टुकड़ी द्वारा बिना सूचना दिए विवेकहीन तरीके से गोलीबारी की गई जिसमें एक निर्दोष नागरिक की मौत हुई।
आयोग ने चार सप्ताह में नोटिस का जवाब मांगा है।
आयोग ने कहा कि यह “विशेष” मामला है क्योंकि न्यायिक जांच मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा था कि 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) कर्मी एक निर्दोष नागरिक की मौत के जिम्मेदार हैं।
वक्तव्य में कहा गया कि सुरक्षा बलों द्वारा चांगलांग जिले के नान्तोक सर्कल में नक्सलियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई के दौरान एक व्यक्ति की मौत होने के संबंध में, चांगलांग पुलिस अधीक्षक से प्राप्त जानकारी के आधार पर आयोग ने 29 जून 2017 को मामला दर्ज किया था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।