लोकसभा चुनाव 2019ः महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं, तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं तेजप्रताप?

By आदित्य द्विवेदी | Published: March 29, 2019 10:14 AM2019-03-29T10:14:30+5:302019-03-29T10:14:30+5:30

तेजप्रताप ने गुरुवार को कहा कि जहानाबाद से चंद्रप्रकाश तो शिवहर सीट से अंगेश सिंह आरजेडी के उम्मीदवार होंगे। इससे पहले भी लालू यादव के दोनों बेटों की राजनीति अलग-अलग दिशा में चलती रही है।

Why do Tej Pratap always bring problems for Tejashwi Yadav, big incidents | लोकसभा चुनाव 2019ः महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं, तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं तेजप्रताप?

लोकसभा चुनाव 2019ः महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं, तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं तेजप्रताप?

बिहार में महागठबंधन में सियासी उठापटक के बीच अब तेजप्रताप भी तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने न केवल दो सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया बल्कि प्रत्याशियों के नाम की भी घोषणा कर दी है। तेजप्रताप ने गुरुवार को कहा कि जहानाबाद से चंद्रप्रकाश तो शिवहर सीट से अंगेश सिंह आरजेडी के उम्मीदवार होंगे। इससे पहले भी लालू यादव के दोनों बेटों की राजनीति अलग-अलग दिशा में चलती रही है।

दो सीटों पर तेजप्रताप के उम्मीदवार

तेजप्रताप यादव ने गुरुवार को आरजेडी का सिपाही बताया लेकिन साथ ही बिना पार्टी परामर्श के दो सीटों पर उम्मादवारों की घोषणा कर दी। तेजप्रताप ने कहा कि जहानाबाद से चंद्रप्रकाश तो शिवहर सीट से अंगेश सिंह राजद के उम्मीदवार होंगे। शिवहर से अंगेश सिंह जाति से राजपूत हैं और लंबे समय से राजद से जुड़े हैं तो जहानाबाद से चंद्रप्रकाश यादव हैं जो शिक्षा व्यवसाय से जुड़े हैं। इनके पिता चंद्रक यादव भी जानेमाने शिक्षा व्यवसायी हैं।

पाटलिपुत्र की उम्मीदवारी पर भी रार

तेजस्वी और तेजप्रताप यादव का विवाद पाटलिपुत्र सीट पर भी है। तेजप्रताप बहन मीसा भारती को यहां से उम्मीदवार बनाना चाहते हैं लेकिन इस सीट से मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र को आरजेडी टिकट दे सकती है। तेजप्रताप ने वीरेंद्र के बारे में कहा था कि उनकी क्या औकात है। पाटलिपुत्र से उनकी बहन मीसा भारती ही चुनाव लड़ेंगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाई वीरेंद्र ने कहा कि तेजप्रताप यादव की क्या हैसियत है। हमारे नेता लालू प्रसाद यादव हैं और विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव हैं।

आरजेडी के उत्तराधिकारी पर टिप्पणी

राष्ट्रीय जनता दल के उत्तराधिकारी के रूप में तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी यादव के नाम को स्वीकार चुके हैं। उन्होंने कई मौकों पर तेजस्वी यादव को आशीर्वाद दिया है। पत्नी से विवाद के बाद काफी लंबे समय तक वो घर से दूर रहे। लेकिन लंबे अरसे बाद तेजस्वी से मुलाकात कर उन्होंने कहा था कि यह ‘कृष्ण और अर्जुन की मुलाकात' है। इस मुलाकात से बिहार और देश में उनके जितने भी 'दुश्मन' हैं, वे धराशायी हो जाएंगे।

नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके भी तेजप्रताप अपने भाई तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं। लालू की सुरक्षा हटाए जाने के बाद उन्होंने कहा था, "हम लोग कार्यक्रमों में जाते रहते हैं। लालू प्रसाद जी भी इन कार्यक्रमों में जाते रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा वापस लेना, उनकी हत्या कराने की साजिश है। हम इसका मुहतोड़ जवाब देंगे, नरेंद्र मोदी जी की खाल उधड़वा देंगे।''

बिना बताए किया ब्रज वास

पत्नी से तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद तेजप्रताप यादव बिना बताए मथुरा-वृंदावन चले गए थे। वो वहां ऐसे रमे कि दिवाली और छठ पर भी घर नहीं लौटे। उनके इस व्यवहार ने कई तरह के सवाल खड़े किए और तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ीं।

गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव लालू-राबड़ी के बड़े बेटे हैं। फिलहाल वो बिहार की महुआ विधानसभा से विधायक हैं। इससे पहले वो बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। तेजप्रताप अपनी हरफनमौला जिंदगी और विवादित बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं।

Web Title: Why do Tej Pratap always bring problems for Tejashwi Yadav, big incidents

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