मुंबई, 15 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के समाज में मादक पदार्थ के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जताने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि नोटबंदी से मादक पदार्थ की समस्या पर लगाम लगेगी लेकिन यह अब भी देश में बरकरार है।
राउत ने आरएसएस प्रमुख से यह भी पूछा कि वे नशीले पदार्थ की मौजूदा स्थिति के लिए किसे जिम्मेदार ठहराएंगे।
शिवसेना नेता ने कहा कि भागवत की टिप्पणियां दिखाती है कि उन्होंने यह स्वीकार किया है कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादों और उन्हें पूरा करने में कुछ तो दिक्कत है।
नागपुर में विजयादशमी के मौके पर दिए अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने मादक पदार्थ समेत कई मुद्दों पर बात की। नशीले पदार्थों के बढ़ते इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों में यह समस्या है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है।
भागवत की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार यह वादा किया था कि नोटबंदी लागू करने का उनका फैसला नशीले पदार्थ के व्यापार से पैदा हुए काले धन पर हमला है और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए कथित तौर पर इसका इस्तेमाल किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से ऐसी हिंदुत्ववादी सरकार के सत्ता में होने के बावजूद आरएसएस प्रमुख ने नशीले पदार्थ और धन के इस्तेमाल को लेकर आज वही चिंताएं जतायी हैं। हम जानना चाहेंगे कि इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है।’’
शिवसेना नेता ने कहा कि केंद्र में कट्टर राष्ट्रवादी सरकार है। प्रधानमंत्री हिंदुत्व की विचारधारा के समर्थक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसके बावजूद अगर देश में नशीले पदार्थ की ऐसी समस्या बरकरार है तो इसके लिए आरएसएस प्रमुख किसे जिम्मेदार ठहराएंगे? उन्होंने कहीं न कहीं माना है कि केंद्र सरकार के वादों और उनके पूरा होने में कुछ गलत है।’’
लोकसभा की तीन सीटों पर आगामी उपचुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में उनकी पार्टी के कुल 21 सदस्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम दादरा, नगर और हवेली का लोकसभा उपचुनाव भी जीतने जा रहे हैं। इसके बाद हमारे कुल 22 सांसद होंगे और हम 2024 के आम चुनाव के बाद राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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