National Mathematics Day 2023: आज है राष्ट्रीय गणित दिवस, कौन थे रामानुजन? क्या है इतिहास और महत्व, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 22, 2023 06:19 AM2023-12-22T06:19:35+5:302023-12-22T06:19:35+5:30

National Mathematics Day 2023: राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल 22 दिसंबर को मनाया जाता है। यह तिथि महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती है।

who was Srinivasa Ramanujan National Mathematics Day 2023 today 1887-1920 Hee are 10 points on life and work of the great mathematician | National Mathematics Day 2023: आज है राष्ट्रीय गणित दिवस, कौन थे रामानुजन? क्या है इतिहास और महत्व, जानिए

file photo

Highlightsरामानुजन ने 1916 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित पढ़ने चले गए।32 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

National Mathematics Day 2022: भारत में प्रतिवर्ष 22 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ मनाया जाता है। महान गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास रामानुजन को सम्मान में मनाया जाता है। 2012 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने रामानुजन के जीवन और उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया।

महान गणितज्ञ के जीवन और कार्य पर 10 बिंदु:

1ः श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में एक ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ था। बहुत कम उम्र में ही गणित के प्रति रुचि विकसित कर ली थी। 12 साल की उम्र में उन्होंने त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और कुंभकोणम के सरकारी कला महाविद्यालय में छात्रवृत्ति के लिए पात्र हो गए थे।

2ः 1903 में कुंभकोणम के सरकारी कॉलेज में अध्ययन किया। गैर-गणितीय विषयों के प्रति उनकी नापसंदगी के कारण वे वहां परीक्षा में असफल हो गए। 14 साल की उम्र में मद्रास के पचैयप्पा कॉलेज में दाखिला लिया था। 1912 में रामानुजन ने मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया।

3ः गणितीय प्रतिभा को उनके कुछ सहयोगियों ने पहचाना और उनमें से एक ने उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज के प्रोफेसर जीएच हार्डी के पास भेजा। 1913 में उनकी मुलाकात हार्डी से हुई, जिसके बाद वे ट्रिनिटी कॉलेज चले गये। 1916 में रामानुजन ने बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) की डिग्री प्राप्त की।

4ः हार्डी की मदद से अपने विषय पर कई पत्र प्रकाशित किए। दोनों ने कई संयुक्त परियोजनाओं पर भी सहयोग किया। रामानुजन को 1917 में लंदन मैथमैटिकल सोसाइटी के लिए चुना गया था। अगले वर्ष, एलिप्टिक फ़ंक्शंस और संख्याओं के सिद्धांत पर उनके शोध के लिए उन्हें प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी के लिए चुना गया था। वह ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय भी थे।

5ः शुद्ध गणित में कोई औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करने के बावजूद रामानुजन ने अपने छोटे से जीवन में इस अनुशासन में प्रभावशाली योगदान दिया। उनके कार्य के क्षेत्रों में अनंत श्रृंखला, निरंतर भिन्न, संख्या सिद्धांत और गणितीय विश्लेषण शामिल हैं।

6ः हाइपरजियोमेट्रिक श्रृंखला, रीमैन सीरीज, अण्डाकार इंटीग्रल्स, अपसारी श्रृंखला का सिद्धांत और ज़ेटा फ़ंक्शन के कार्यात्मक समीकरण जैसे उल्लेखनीय योगदान भी दिए। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने स्वयं के प्रमेयों की खोज की और स्वतंत्र रूप से 3,900 परिणाम संकलित किए।

7ः 1919 में रामानुजन भारत लौट आये। एक साल बाद 26 अप्रैल को बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली। वह महज़ 32 साल के थे। रॉबर्ट कैनिगेल द्वारा लिखित उनकी जीवनी 'द मैन हू न्यू इन्फिनिटी' उनके जीवन और प्रसिद्धि की यात्रा को दर्शाती है। इसी नाम की एक फिल्म 2015 में रिलीज़ हुई थी जिसमें ब्रिटिश-भारतीय अभिनेता देव पटेल ने रामानुजन की भूमिका निभाई थी।

8ः फिल्म भारत में रामानुजन के बचपन, ब्रिटेन में उनके समय और महान गणितज्ञ बनने की उनकी यात्रा पर प्रकाश डालती है। उनकी जीवनी का एक किस्सा रामानुजन की प्रतिभा को दर्शाता है। इसमें जीएच हार्डी ने कहा, मुझे याद है कि एक बार जब वह पुटनी में बीमार थे तो मैं उनसे मिलने गया था। मैंने टैक्सी कैब नंबर 1729 में यात्रा की थी और टिप्पणी की थी कि यह नंबर मुझे थोड़ा नीरस लग रहा था और मुझे आशा थी कि यह एक प्रतिकूल शगुन नहीं था।

9ः यह एक बहुत ही दिलचस्प संख्या है। यह दो क्यूब्स के योग के रूप में दो अलग-अलग तरीकों से व्यक्त की जाने वाली सबसे छोटी संख्या है। इस प्रकार, 1729 हार्डी-रामानुजन संख्या बन गया। निश्चित रूप से रामानुजन का सबसे बड़ा योगदान नहीं, लेकिन शायद याद रखने में सबसे आसान।

10ः रामानुजन सन 1903 से 1914 के बीच कैम्ब्रिज जाने से पहले गणित की 3542 प्रमेय लिख चुके थे। तमाम नोटबुकों को बाद में ‘टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च बाम्बे’ (मुंबई) ने प्रकाशित किया। इन नोट्स पर इलिनॉय विश्वविद्यालय के गणितज्ञ प्रो ब्रूस सी. बर्नाड्ट ने 20 वर्षों तक शोध किया और अपने शोध पत्न को पांच खंडों में प्रकाशित कराया।

Web Title: who was Srinivasa Ramanujan National Mathematics Day 2023 today 1887-1920 Hee are 10 points on life and work of the great mathematician

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे