कौन थे संस्कृत विद्वान डॉ. प्रभाकर पांडुरंग आप्टे, ठाणे में निधन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 18, 2025 10:37 IST2025-04-18T10:36:55+5:302025-04-18T10:37:58+5:30

मध्य प्रदेश स्थित धार के राजा भोज द्वारा भारतीय वास्तुकला पर 11वीं शताब्दी में लिखित ग्रंथ ‘समरांगण सूत्रधार’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया।

Who was Sanskrit scholar Dr Prabhakar Pandurang Apte died in Thane | कौन थे संस्कृत विद्वान डॉ. प्रभाकर पांडुरंग आप्टे, ठाणे में निधन

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Highlightsसंस्कृत विद्वान आप्टे पुणे स्थित ‘डेक्कन कॉलेज’ सहित कई संस्थानों से जुड़े रहे।डॉ. आप्टे ने इस दिशा में पहले ही काम शुरू कर दिया था।संस्कृत शब्दावली, न्यायशास्त्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का ज्ञान था।

ठाणेः आगम पर अपने काम से पहचान बनाने वाले प्रख्यात संस्कृत विद्वान डॉ. प्रभाकर पांडुरंग आप्टे का महाराष्ट्र के ठाणे में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। आप्टे के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि आप्टे का उम्र संबंधी समस्याओं के कारण बृहस्पतिवार रात निधन हो गया। उनके परिवार में दो बेटियां हैं। उन्होंने बताया कि आप्टे को ‘पंचरात्र आगम’ पर उनकी विशेषज्ञता और संस्कृत साहित्य, मंदिर वास्तुकला एवं धर्मशास्त्र के क्षेत्र में उनके काम के लिए जाना जाता था। वह एक प्रशिक्षित वकील भी थे। संस्कृत विद्वान आप्टे पुणे स्थित ‘डेक्कन कॉलेज’ सहित कई संस्थानों से जुड़े रहे।

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय, तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, मुंबई स्थित अनंताचार्य शोध संस्थान और इसी प्रकार के कई अन्य संस्थानों में ‘गेस्ट प्रोफेसर’ के तौर पर काम किया। उन्होंने मध्य प्रदेश स्थित धार के राजा भोज द्वारा भारतीय वास्तुकला पर 11वीं शताब्दी में लिखित ग्रंथ ‘समरांगण सूत्रधार’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया।

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने ‘डेक्कन कॉलेज’ में संस्कृत शब्दकोश तैयार करने में भी अहम योगदान दिया। गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. प्रशांत धर्माधिकारी ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से भारतीय ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा दे रही है लेकिन डॉ. आप्टे ने इस दिशा में पहले ही काम शुरू कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘इंजीनियर और वास्तुकारों को वास्तुशिल्प के बारे में कमाल की जानकारी प्राप्त करने के लिए उनकी पुस्तक ‘समरांगण सूत्रधार’ और ‘पौष्कर संहिता’ को पढ़ना चाहिए। उन्हें संस्कृत शब्दावली, न्यायशास्त्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का ज्ञान था।’’ 

Web Title: Who was Sanskrit scholar Dr Prabhakar Pandurang Apte died in Thane

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