Yamini Krishnamurthy Passes Away: पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित, यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन, जानिए इनके बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 3, 2024 10:48 PM2024-08-03T22:48:51+5:302024-08-03T22:53:11+5:30
Bharatanatyam Veteran Yamini Krishnamurthy Passes Away: यामिनी का जन्म 20 दिसंबर 1940 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ली में संस्कृत विद्वान एम कृष्णमूर्ति के घर हुआ था।
Bharatanatyam Veteran Yamini Krishnamurthy Passes Away: ख्यातिप्राप्त भरतनाट्यम कलाकार यामिनी कृष्णमूर्ति (84) का उम्र संबंधी बीमारियों से यहां अपोलो अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया। कृष्णमूर्ति के प्रबंधक और सचिव गणेश ने बताया, "वह उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थीं और पिछले सात महीनों से गहन चिकित्सा ईकाई (आईसीयू) में थीं।" कृष्णमूर्ति का पार्थिव शरीर रविवार को सुबह नौ बजे होजखास स्थित उनके संस्थान 'यामिनी स्कूल ऑफ डांस' में लाया जाएगा। यामिनी कृष्णमूर्ति के अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
कृष्णमूर्ति के परिवार में दो बहनें हैं। यामिनी का जन्म 20 दिसंबर 1940 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ली में संस्कृत विद्वान एम कृष्णमूर्ति के घर हुआ था। उन्होंने पांच वर्ष की छोटी सी उम्र में चेन्नई के कलाक्षेत्र स्कूल ऑफ डांस में प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना रुक्मिणी देवी अरुंडेल के मार्गदर्शन में नृत्य सीखना शुरू किया। वह कुचिपुड़ी नृत्य में भी निपुण थीं।
कृष्णमूर्ति ने पंकज चरण दास और केलुचरण महापात्रा जैसे दिग्गजों से ओडिसी नृत्य सीखकर अपनी कलाविधा को विस्तार प्रदान किया। कई नृत्य विधा में पारंगत होने के साथ-साथ कृष्णमूर्ति कर्नाटक शैली के गायन और वीणावादन में निपुण थीं। कृष्णमूर्ति को 1968 में महज 28 वर्ष की आयु में पद्मश्री, 2001 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
उन्हें 1977 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। अनुभवी नृत्यांगना और कृष्णमूर्ति की पहली शिष्याओं में से एक रमा वैद्यनाथन ने कहा कि उन्होंने इस नृत्य शैली को "शक्ति, सौंदर्य और आकर्षण" प्रदान किया। वैद्यनाथन ने 'पीटीआई भाषा' से कहा, "भरतनाट्यम उनके बिना वैसा नहीं रहेगा.... वह शास्त्रीय नृत्य के प्रति बेहद समर्पित थीं।
मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे लगभग 40 साल पूर्व उनकी पहली शिष्या के तौर पर सीखने का मौका मिला।" सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर तमाम लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की। पूर्व राज्यसभा सांसद और भरतनाट्यम नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि कृष्णमूर्ति "आकाश में ध्रुव तारे की तरह थीं"।
मानसिंह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, '' पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित भारत की महान नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति के निधन का दुखद समाचार मिला। भारतीय नृत्य कला के आकाश में वह ध्रुव तारा थीं।'' आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "कुचिपुड़ी और भरतनाट्यम की प्रसिद्ध कलाकार यामिनी कृष्णमूर्ति गारू के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ हैं।"
प्रसिद्ध कुचिपुड़ी दम्पति राजा और राधा रेड्डी ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि कृष्णमूर्ति ने "नटराज के चरणों में मोक्ष प्राप्त किया है।" संगीत नाटक अकादमी ने भी 'एक्स' पर एक पोस्ट कर कृष्णमूर्ति के निधन पर शोक व्यक्त किया।
संगीत नाटक अकादमी ने अपने पोस्ट में कहा, ''संगीत नाटक अकादमी और उसकी सहयोगी संस्थाएं भरतनाट्यम की अग्रणी कलाकार, संगीत नाटक अकादमी की सदस्य और पद्म विभूषण से सम्मानित यामिनी कृष्णमूर्ति के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करती हैं। शोक संतप्त लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना और ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।''