नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पक्षाघात (स्ट्रोक) के अनुमानित 70 प्रतिशत मामले और इससे संबंधित 87 प्रतिशत मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
स्ट्रोक तब आता है जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे रक्त की आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है।
शुक्रवार को ‘विश्व पक्षाघात दिवस’ (वर्ल्ड स्ट्रोक डे) से पहले एक बयान में उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ स्ट्रोक के जोखिम को कम करने वाले उपायों की पहचान करने और लागू करने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सभी देशों का समर्थन जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र स्ट्रोक के मामलों को रोकने, उसके इलाज और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को मजबूत करने और इससे संबंधित दिव्यांगता के लिए गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास देखभाल प्रदान करने के वास्ते प्रतिबद्ध है।’’
सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र ने हाल के वर्षों में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को रोकने, नियंत्रित करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य दायरे के संबंध में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सभी देशों में देखभाल सेवाओं को मजबूत करने में तत्काल प्रगति के लिए कई उपाय लागू किए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के अनुमानित 70 प्रतिशत मामले, इससे संबंधित 87 प्रतिशत मौतें और दिव्यांगता निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
सिंह ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के बीच, क्षेत्र के देशों को स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार, स्वास्थ्य प्रणाली की दक्षता बढ़ाने और सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण और विकास को बढ़ावा देने के लिए हर संभव अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व पक्षाघात दिवस पर, डब्ल्यूएचओ ने क्षेत्र के देशों को स्ट्रोक देखभाल सेवाओं को मजबूत करने, मामलों को कम करने, उपचार में सुधार करने और गुणवत्ता पुनर्वास सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। हमें एक बेहतर, स्वस्थ और सतत क्षेत्र हासिल करना है।
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