डब्ल्यूएचओ ने सड़क हादसों को कम करने के लिए हेलमेट सहित अन्य जरूरी उपायों के लिए जारी किया वैश्विक दिशानिर्देश
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 11, 2022 02:47 PM2022-09-11T14:47:15+5:302022-09-11T14:53:42+5:30
डब्ल्यूएचओ ने सड़क हादसों को कम करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई स्टडी के आधार पर हेलमेट के प्रयोग और पैदल यात्रियों की सुरक्षा संबंधी दो जरूरी दिशानिर्देश जारी किया है।
दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक स्तर पर दुनिया के तमाम देशों में होने वाली सड़क हादसे की मौतों को कम करने के लिए हेलमेट के प्रयोग और पैदल यात्रियों की सुरक्षा संबंधी दो जरूरी दिशानिर्देश जारी किया है।
डब्ल्यूएचओ के इन दिशा-निर्देशों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा दो तिपहिया वाहनों चालकों के लिए हेलमेट के उपयोग और पैदल यात्रियों की सुरक्षा में संबंध में किये गये साक्ष्यों और केस स्टडी को शामिल किया गया है।
डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों के अनुसार हर साल 1.3 मिलियन से अधिक लोग, जो निम्न और मध्यम आय वाले देशों से ताल्लूक रखते हैं। उनकी मौत सड़क हादसे में हो जाती है। विश्व स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण 5 से 29 साल आयु वर्ग को लोगों की मौत का प्रमुख कारण है।
डब्ल्यूएचओ में सेफ्टी एंड मोबिलिटी के प्रमुख डॉक्टर नहान ट्रान ने कहा, "इन नए दिशा-निर्देशों के माध्यम से सड़क सुरक्षा को और पुख्ता बनाने का प्रयास है, साथ ही इन उपायों से सड़क हादसों पर लगाम लगाने के साथ-साथ साल 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को आधा करने का लक्ष्य निर्धारित है।"
डॉक्टर नहान ट्रान ने आगे कहा, "निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले विकाशसील देशों में खराब बुनियादी ढांचे के कारण सड़क पर पैदल चलने वालों यात्रियों के संबंध में अक्सर खतरनाक पहलू उजागर होते हैं। इन देशों में मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल और ई-बाइक की संख्या तेज गति से बढ़ रही है, इसलिए यहां पर हेलमेट का उपयोग बेहद जरूरी है।"
इसके साथ ही ट्रान ने यह भी कहा कि स्टडी में यह बात स्पष्ट तौर से सामने आयी है कि सड़क हादसों में हेलमेट जीवन बचाने में बेहद कारगर उपाय हैं। डब्ल्यूएचओ के सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि कई विकासशील देशों में तेजी से प्रचलन में आ रहे दो और तीन पहिया वाहनों की सड़कों पर भरमार हुई है लेकिन उसके बाद भी सुरक्षा मानकों वाले गुणवत्ता युक्त हेलमेट का उपयोग नहीं हो रहा है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि सभी सड़क हादसों में होने वाली मौतों में से लगभग 30 फीसदी में दो और तीन पहिया वाहन दुर्घटना शामिल हैं, वहीं दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में हुए सड़क हादसों में 43 फीसदी दो और तीन पहिया वाहन शामिल थे।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार पूरे चेहरे को ढंकने वाले हेलमेट सड़क हादसों में लगने वाले घातक चोटों को 64 फीसदी तक और मस्तिष्क की चोटों को 74 फीसदी तक कम करते हैं। वहीं आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने सड़क हादसों पर की गई स्टडी में बताया है कि विश्व स्तर पर 2013 और 2016 के बीच अन्य सभी सड़क दुर्घटना मौतों की पैदल चलने वालों की दर लगभग दोगुनी हो गई है। इसके बावजूद कई विकासशील देशों में पैदल चलने वालों की मौतों की रिपोर्ट बहुत कम दिखाई देती है।
इस संबंध में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर गीता तिवारी ने कहा, "भारत में हुई सड़क हादसों में मारे गये लगभग 30 फीसदी वो लोग थे, जो पैदल चल रहे थे। वहीं कुछ बड़े शहरों में तो सड़क हादसों में मारे गए पैदल चलने वालों का आंकड़ा 60 फीसदी तक है।"
उन्होंने कहा, "सड़क यातायात में सुधार, सड़क सुरक्षा कानून को मजबूत करके और सड़क का उपयोग करने वालों को सुरक्षा शिक्षा देकर पैदल यात्रियों की सुरक्षा में काफी सुधार किया जा सकता है।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)