Karanpur Assembly seat by-election: 30 दिसंबर को राजस्थान सरकार मंत्रिपरिषद में शामिल और 8 जनवरी को उपचुनाव में हारे, जानें कहानी
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 8, 2024 04:58 PM2024-01-08T16:58:00+5:302024-01-08T17:00:29+5:30
Karanpur Assembly seat by-election: विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ। इसका परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया।
Karanpur Assembly seat by-election: राजस्थान में बड़ा झटका लगा है। करणपुर विधानसभा सीट के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रुपिन्दर सिंह कुन्नर ने भाजपा नेता और राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह को हरा दिया। विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा 199 में से 115 सीटें जीतने के बाद सिंह को पहले ही राजस्थान कैबिनेट में नियुक्त किया गया था।
भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली नवगठित राजस्थान सरकार में स्वतंत्र अधिकार प्राप्त राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने शपथ ली। सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की नियुक्ति एक आश्चर्य के रूप में हुई क्योंकि वह वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में विधायक नहीं थे। राजस्थान में नवगठित भारतीय जनता पार्टी सरकार को सोमवार को उस समय करारा झटका लगा।
जब विपक्षी कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर ने करणपुर विधानसभा सीट जीत ली। कुन्नर ने इस सीट के लिए चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार और राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 11283 वोटों से हराया। भाजपा ने इस सीट से चुनाव लड़ रहे टीटी को न केवल मंत्री बनाया बल्कि उन्हें विभाग भी आवंटित कर दिए थे।
कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित किया गया था। विजेता रुपिंदर, गुरमीत सिंह के बेटे हैं। यहां पांच जनवरी को मतदान हुआ था जिसकी गिनती सोमवार को हुई। निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह को 94,950 वोट मिले जबकि टीटी को 83,667 वोट मिले।
तीसरे नंबर पर रहे आम आदमी पार्टी प्रत्याशी पिरथीपाल सिंह को 11940 वोट मिले। इस जीत के साथ ही राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़ कर 70 हो गई है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के 115 विधायक हैं। इस हार को राज्य में लगभग एक महीने पहले ही सत्ता में आने वाली भाजपा के लिए करारा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करणपुर सीट से चुनाव लड़ रहे सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। उन्हें कृषि विपणन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग तथा अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग दिया गया था, लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। टीटी के लिए यह लगातार दूसरी हार है।
साल 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस हार पर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इलाके की जनता ने भाजपा को सबक सिखाया है। गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा, 'करणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है।
चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है।’’ गहलोत ने लिखा, ‘‘करणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत दिवंगत गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है।’’
जीत के बाद रुपिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘मैं करणपुर के सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं। जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में, सरकार का इतना दबाव होते हुए भी ... कई केंद्रीय मंत्रियों के प्रचार के लिए आने के बावजूद ... सबको नकारते हुए लोकतंत्र की जीत करवाई है।' उन्होंने कहा कि वह इलाके की जनता को निराश नहीं करेंगे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह जनादेश भाजपाई तानाशाही एवं अलोकतांत्रिक नीति पर करारा तमाचा है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जब देश की संवैधानिक संस्थाएं अपना दायित्व भूल जाएं, तब जनता की अदालत में न्याय होता है। करणपुर की स्वाभिमानी जनता-जनार्दन को कोटिश: प्रणाम।
करणपुर का यह जनादेश भाजपाई तानाशाही एवं अलोकतांत्रिक नीति पर करारा तमाचा है।' कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लिखा, 'भाजपा ने आचार संहिता व संविधान की धज्जियां उड़ते हुए चुनाव के बीच ही अपने प्रत्याशी को मंत्री पद देकर लोगों को लालच देने की कोशिश की लेकिन तमाम कोशिशें के बावजूद करणपुर की जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में अपना आशीर्वाद दिया।'
सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने के लिए क्षेत्र के मतदाताओं का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे खुशी है कि करणपुर की स्वाभिमानी जनता ने कांग्रेस की रीति-नीति और विचारधारा पर विश्वास जता कर प्रगति, खुशहाली और सुरक्षित भविष्य को चुना है।'