नई दिल्लीः इंडिया ब्लॉक ने मंगलवार को आगामी चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले रेड्डी गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके थे। वे 2011 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हुए। रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ। रेड्डी ने बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की साल 1971 में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए और जिरह करने लगे।
साल 1988-1990 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में सरकारी वकील रहे। केंद्र सरकार में अतिरिक्त वकील के रूप में काम किया। 2 मई 1995 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थायी जज बने। 5 दिसंबर 2005 को गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 12 जनवरी 2007 को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हुए। 8 जुलाई 2011 को रिटायर हुए।
वह एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। 9 सितंबर को होने वाले इस चुनाव से एक रोमांचक राजनीतिक मुकाबले की उम्मीद है क्योंकि मतदान से पहले दोनों पक्ष एक-दूसरे के समर्थन में जुटेंगे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार घोषित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार घोषित किया गया है। यह घोषणा मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने मंगलवार को घोषणा की कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार हैं।
रेड्डी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त हैं। ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दलों ने एक साझा उम्मीदवार चुनने का फैसला किया है, यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। मुझे खुशी है कि सभी विपक्षी दल एक नाम पर सहमत हुए। यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है जो 16 साल से अधिक समय तक संवैधानिक अदालतों में सेवाएं दे चुके हैं। जुलाई 1946 में जन्मे न्यायमूर्ति रेड्डी को दो मई, 1995 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में पांच दिसंबर, 2005 को वह गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए।
वह 12 जनवरी, 2007 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने और आठ जुलाई, 2011 को सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति रेड्डी 27 दिसंबर, 1971 को हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने 1988 से 1990 के दौरान उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में और 1990 के दौरान छह महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता के रूप में भी काम किया।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रह चुके हैं। न्यायमूर्ति रेड्डी मार्च 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बने थे, लेकिन सात महीने के भीतर ही निजी कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं।