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Farmers protest: 'कौन हैं शुभकरण सिंह', बीमार पिता का इलाज, बहन की शादी कराने का था जिम्मा

By धीरज मिश्रा | Updated: February 22, 2024 16:31 IST

Farmers protest: शुभकरण सिंह की मौत पुलिस झड़प के दौरान हुई है या नहीं, इसे बारे में अभी पुष्टि नहीं हुई है। बीते 24 घंटे के दौरान, सोशल मीडिया पर सिंह को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने मौत की पुष्टि नहीं की। बुधवार को हरियाणा पुलिस के द्वारा किए गए ट्वीट के अनुसार, सोशल मीडिया पर जो किसान की मौत की खबर फैलाई जा रही है।

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ठळक मुद्देशुभकरण सिंह की मौत पीछे परिवार में इतने सदस्य बीमार पिता के साथ घर पर छोटी बहन किसानों की सरकार से मांग मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए

Farmers protest: शुभकरण सिंह की मौत पुलिस झड़प के दौरान हुई है या नहीं, इसे बारे में अभी पुष्टि नहीं हुई है। बीते 24 घंटे के दौरान, सोशल मीडिया पर सिंह को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने मौत की पुष्टि नहीं की। बुधवार को हरियाणा पुलिस के द्वारा किए गए ट्वीट के अनुसार, सोशल मीडिया पर जो किसान की मौत की खबर फैलाई जा रही है।

वह फेक है। दूसरी तरफ किसानों की ओर से दावा किया गया है कि पुलिस झड़प में शुभकरण सिंह की मौत हुई। इस युवा किसान की मौत के बाद किसान दुखी हैं और किसानों ने सरकार से उनके परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा करने की मांग की है। बताते चले कि शुभकरण सिंह के परिवार में मानसिक रूप से बीमार पिता हैं और एक छोटी बहन है, जिसकी पढ़ाई चल रही है।

बीमार पिता का इलाज कराने का जिम्मा शुभकरण के कंधों पर था। बहन की पढ़ाई के साथ शादी की जिम्मेदारी भी थी। लेकिन, अब उसकी मौत होने के बाद से बीमार पिता का इलाज और बहन की पढ़ाई पूरी कैसे होगी। कई सवाल खड़ी कर रही है। किसानों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि मृतक किसान को शहीद घोषित किया जाए। 

शुभकरण के पड़ोसियों के अनुसार, शुभकरण के परिवार के पास करीब 2 एकड़ जमीन है। उनकी मां की मृत्यु हो चुकी है और उनके पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। उनकी दो बहनें हैं, एक शादीशुदा है और दूसरी छात्रा है। उन्होंने बताया कि युवा किसान ने अपनी बहन की शादी के लिए कर्ज लिया था। एक पड़ोसी ने परिवार को गरीब बताया। 

बताते चले कि किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, पेंशन लाभ और फसल बीमा सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहते हैं। फिलहाल, उन्हें शंभु बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है।

टॅग्स :किसान आंदोलनBorder Policeपंजाबसोशल मीडिया
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