'पिछली सरकारों का इसरो पर नहीं था भरोसा...', पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण का दावा
By अंजली चौहान | Published: August 28, 2023 03:31 PM2023-08-28T15:31:02+5:302023-08-28T15:41:47+5:30
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार को लंबे समय तक भारत की अंतरिक्ष एजेंसी पर भरोसा नहीं था।
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, "कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन पर कोई भरोसा नहीं था और उसके पास चंद्रमा मिशन के लिए कोई बजट आवंटन नहीं था।"
इसरो के शुरुआती दिनों को याद करते हुए नंबी नारायण का वीडियो वायरल हो रहा है जिसे बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया। इस वीडियो में पूर्व वैज्ञानिक कह रहे है कि पिछली सरकार इसरो को मिशन के लिए बजट नहीं देती थी।
द न्यू इंडियन के साथ एक साक्षात्कार में, नंबी नारायणन से एक सवाल किया गया जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर टचडाउन बिंदु का नाम 'शिव शक्ति' रखने की पीएम मोदी की घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
सबसे पुरानी पार्टी ने पीएम मोदी पर चंद्रयान-3 मिशन का 'श्रेय चुराने' का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, "हो सकता है कि आपको प्रधानमंत्री पसंद न हों यह आपकी समस्या है लेकिन ये तो प्रधानमंत्री हैं। इसका श्रेय और किसे जाएगा? पिछली कांग्रेस सरकार ने हमें पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया। उन्हें इसरो पर कोई भरोसा नहीं था।
कांग्रेस ने इसरो मिशन पर नेहरू को किया याद
दरअसल, कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने रविवार को एक्स पर एक ट्वीट साझा किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।
वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे।'
नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 27, 2023
वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे। pic.twitter.com/phCzbEZ6fo
रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, उस व्यक्ति के विपरीत, जिसने रडार से सुरक्षा प्रदान करने वाले बादलों के विज्ञान के बारे में ज्ञान दिया, उन्होंने (नेहरू) सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं कीं, बल्कि बड़े फैसले भी लिए।
इसरो के चंद्रयान मिशन की सफलता पर कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि वह सारा श्रेय ले रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है।
चंद्रयान-3 पर बीजेपी बनाम कांग्रेस
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर साक्षात्कार के क्लिप साझा किए और कहा कि प्रधान मंत्री मोदी ने भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए बजट में वृद्धि सुनिश्चित की है।
उन्होंने लिखा, "तब से लेकर अब तक...जब प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में बढ़ोतरी सुनिश्चित की है और हमारे वैज्ञानिकों की सफलता और असफलता में उनके साथ खड़े हैं, तब भारत के अंतरिक्ष मिशन ने एक लंबा सफर तय किया है।"
23 अगस्त को चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, कांग्रेस ने लैंडिंग के बाद अपने संबोधन के संदर्भ में "सुर्खियां बटोरने" के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, ''आप लैंडिंग के बाद स्क्रीन पर आने और श्रेय लेने में तेज थे, लेकिन आपकी सरकार वैज्ञानिकों और इसरो का समर्थन करने में इतनी बुरी तरह विफल क्यों रही?''
कौन हैं नंबी नारायण?
नंबी नारायण का जन्म 1941 में एक तमिल परिवार में हुआ था। उन्होंने केरल के तिरुवनंतपुरम से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री ली है। आगे की पढ़ाई के लिए वह फेलोशिप पर अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी चले गए।
अमेरिका लौटने के बाद उन्होंने इसरो के साथ काम करना शुरू किया। उन्होंने अपने करियर में एपीजे अब्दुल कलाम, विक्रम साराभाई, सतीश धवन जैसे दिग्गजों के साथ काम किया।