आज देश के युवाओं के प्रेरणा हैं दीपक रावत, लेकिन खुद नहीं बनना चाहते थे आईएएस ऑफिसर, जानें क्यों
By दीप्ती कुमारी | Published: May 10, 2021 07:44 PM2021-05-10T19:44:32+5:302021-05-10T20:06:17+5:30
आईएएस दीपक रावत बचपन में एक कबाड़ी वाला बनना चाहते थे । बाद में उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईएएस की परीक्षा में भाग लिया और अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की ।
मुंबई : प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में एक बेहतर मुकाम हासिल करना चाहता है । हर कोई चाहता है कि वह देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) को क्लियर कर आईएएस , आईपीएस बने । लाखों उम्मीदवारों मे से केवल कुछ का ही सपना सच हो पाता है । ऐसे ही एक आईएएस दीपक रावत जो बचपन में कबाड़ी वाला बनने की इच्छा रखते थे । आइए जानते हैं फिर आखिर उन्होंने कैसे आईएएस बनने की राह चुनी और इसमें सफलता हासिल की ।
कैसे हुआ यूपीएससी में सिलेक्शन
दीपक नहीं जवाहरलाल नेहरू कॉलेज से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की । दिल्ली में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन लगातार प्रयास और कड़ी मेहनत के बाद भी वे अपने दो प्रयासों में सफलता प्राप्त नहीं कर पाए थे । उसके बाद उन्होंने तीसरा प्रयास करने का निर्णय लिया और उनकी मेहनत रंग लाई । उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली ।
लेकिन अपने तीसरे प्रयास में दीपक का चयन आईएएस में नहीं बल्कि आईआरएस के पद पर हुआ था लेकिन उनकी प्रबल इच्छा थी कि वह एक आईएएस बनकर समाज की सेवा करें इसीलिए उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया । इस परीक्षा में उन्होंने 12 वीं रैंक हासिल की । लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दीपक रावत उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी नियुक्त किए गए ।
युवाओं के बीच काफी फेमस है आईएएस दीपक रावत
दीपक रावत ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह बचपन में एक कबाड़ी वाला बनने के बारे में सोचते थे । बचपन में मुझे नयी-नयी चीजों के बारे में जानना अच्छा लगता था । दीपक रावत ने कहा कि आज मैं आईएस बनकर खुश हूं । इस सर्विस की खास बात यह है कि आप पब्लिक से जुड़ सकते हैं । उन्होंने कहा कि मुझे पब्लिक के बीच रहकर काम करना अच्छा लगता है ।