कोवैक्सीन को WHO से नहीं मिला अप्रूवल, करना पड़ेगा इंतजार, जानें क्या है वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 28, 2021 08:14 AM2021-09-28T08:14:00+5:302021-09-28T08:22:12+5:30
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार पुनः भारत की देसी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी देने में देरी की है। रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने अन्य तकनीकी जानकारी जुटाने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक को सवाल भेजे हैं।
भारतीय कोरोना वैक्सीन Covaxin को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकालीन उपयोग के लिए अभी अप्रूवल नहीं दिया है। फिलहाल कोवैक्सीन को डव्ल्यूएचओ के अप्रूवल के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीन की मंजूरी के लिए हमारी ओर से सभी जरूरी डेटा को पेश कर दिया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भेजे हैं कुछ सवाल
खबर है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार पुनः भारत की देसी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी देने में देरी की है। रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने अन्य तकनीकी जानकारी जुटाने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक को सवाल भेजे हैं। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी हैदराबाद में स्थित है। वहीं कोविड-19 की यह देसी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने बताया है कि वैक्सीन की अनुमति के लिए सभी जरूरी डेटा को पेश कर दिया गया है।
WHO की मंजूरी का है इंतजार
बता दें कि जब तक कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुमति नहीं मिल जाती तब तक कोरोना की इस वैक्सीन को दुनिया भर के अधिकांश देशों द्वारा स्वीकृत वैक्सीन नहीं माना जाएगा। जिस किसी ने कोविड के इस टीके को लगवाया है उनको कई देशों ने अपने यहां यात्रा के लिए इजाजत नहीं दी है। इससे पहले खबर थी कि Covaxin को इसी हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अप्रूवल मिल सकता है।
देश में किया जा रहा है इन तीन वैक्सीन का प्रयोग
कोरोना के खिलाफ फिलहाल देश में तीन कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और रूस की स्पुतनिक V शामिल है। इनमें कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल की इजाजत है। वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने अपने अध्ययन में कोविड-19 के इस टीके को डेल्टा प्लस कोरोना स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी माना है।