जब चिदंबरम गृह मंत्री थे, अमित शाह गए थे जेल, पूर्व गृह मंत्री को परेशान करने के लिए वापस लौट आया है अतीत

By हरीश गुप्ता | Updated: August 22, 2019 07:47 IST2019-08-22T07:47:05+5:302019-08-22T07:47:05+5:30

आज शाह नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्री कार्यालय की उसी कुर्सी पर हैं जो कभी चिदंबरम के कब्जे में थी. आज चिदंबरम प्रवर्तन एजेंसियों के हत्थे चढ़ने से बच रहे हैं और राहत पाने के लिए अदालतों के दरवाजे खटखटा रहे हैं.

When Chidambaram was home minister and CBI went after Amit Shah | जब चिदंबरम गृह मंत्री थे, अमित शाह गए थे जेल, पूर्व गृह मंत्री को परेशान करने के लिए वापस लौट आया है अतीत

पी चिदंबरम को गुरुवार रात सीबीआई ने गिरफ्तार किया है.

Highlightsदिलचस्प बात यह है कि जिन मामलों में चिदंबरम वांछित हैं, उनमें से कोई भी शाह के मंत्रालय से संबंधित नहीं है. गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री शाह सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई के मोस्ट वांटेड थे.

राजनीति में समय का चक्र काफी तेजी से घूमता है और जब यह घूमता है तो सबकुछ बदल जाता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम इसकी बानगी हैं. ऐसा लगता है कि अतीत उनको परेशान करने के लिए वापस आ गया है. वह 25 जुलाई 2010 को मुस्कुरा रहे होंगे, जब सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड में सीबीआई ने अमित शाह को गांधीनगर में गिरफ्तार किया था.

अब यह और कुछ नहीं, बल्कि तकदीर बदलना है कि नौ साल बाद शख्सियतें समान हैं, लेकिन उनकी भूमिकाएं उलट गई हैं. आज चिदंबरम मुसीबत में घिरे हैं, तो शाह जरूर मुस्कुरा रहे होंगे.

दिलचस्प बात यह है कि जिन मामलों में चिदंबरम वांछित हैं, उनमें से कोई भी शाह के मंत्रालय से संबंधित नहीं है. गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री शाह सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई के मोस्ट वांटेड थे. उस दौरान शाह चार दिनों के लिए एजेंसी से छिप गए थे.

आखिर में अपने खिलाफ चार्जशीट दायर होने के बाद उन्होंने तत्कालीन मोदी सरकार से इस्तीफा देने के बाद आत्मसमर्पण करने का फैसला किया. उन्हें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ए. वाई. दवे के सामने पेश किया गया था.

हैरानी की बात यह है कि सीबीआई ने 2005 में सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी हत्याकांड में हत्या, जबरन वसूली, अपहरण और आईपीसी के तहत पांच अन्य धाराओं के तहत आरोपी शाह को हिरासत में लेने के लिए जोर नहीं डाला.

मजिस्ट्रेट ने शाह को 13 दिन की न्यायिक हिरासत में 7 अगस्त तक अहमदाबाद की साबरमती जेल में भेज दिया. शाह ने गिरफ्तारी से तुरंत पहले कहा, ''मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मुझे विश्वास है कि अदालतें मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज कर देंगी.''

उन्होंने खुद को निर्दोष करार देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ मनगढ़ंत, राजनीति से प्रेरित और कांग्रेस सरकार के निर्देश पर आरोप लगाए गए थे. साथ ही सीबीआई की ओर से पूछे जाने सभी सवालों की वीडियोग्राफी कराने की मांग की थी. वैसे, तत्कालीन संप्रग शासन में जेल भेजने पर आमादा चिदंबरम के नेतृत्व वाले नॉर्थ ब्लॉक ने उनकी बातें नहीं सुनीं.

हालांकि बाद में शाह को अदालतों से एक के बाद एक राहत मिलती गई.

Web Title: When Chidambaram was home minister and CBI went after Amit Shah

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे