लोकसभा में तीन तलाक पर रोक लगाने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान गुरुवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई थी जब पीठासीन सभापति रमा देवी को लेकर समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने एक टिप्पणी कर दी थी। इस टिप्पणी को लेकर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने जीतन राम मांझी ने उनका बचाव किया है।
जीतन राम मांझी ने आजम खान का बचाव करते हुए कहा, 'हमारी प्यारी बहनें अपने भाइयों से मिलती हैं तो एक दूसरे को चूमते हैं, क्या ये सेक्स हुआ? मां बेटे को चूमती है और बेटा मां को चूमता है क्या वह सेक्स है? मेरा कहने का मतलब है कि वह जिस लहजे में बोले हैं उसका अर्थ दूसरा निकाला जा रहा है। इसलिए हम उनको कह रहे हैं कि इस्तीफा न दें, बल्कि माफी मांग लें।'
वहीं, आपको बता दें कि इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद रमा देवी का कहना है कि उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को लोकसभा से पांच साल के लिए निलंबित किया जाना चाहिए, सिर्फ माफी से काम नहीं चलेगा।
खान ने गुरुवार को जिस समय आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, उस समय रमा देवी पीठासीन सभापति का दायित्व निभा रही थीं। उनका कहना है कि आजम खान को कड़ी सजा दी जानी चाहिए और पांच साल के लिए निलंबित किया जाना चाहिए। यदि आजम खान ने तत्काल माफी मांगी होती तो वह उन्हें माफ कर देतीं, लेकिन वह बाहर चले गए। अब खान के महज माफी मांगने से काम नहीं चलेगा।
उनका कहना है कि रिकॉर्ड से हटाई गईं उनकी टिप्पणियां संसद और सभी सदस्यों का अपमान थीं। विभिन्न दलों के सदस्यों के साथ बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने खान से कहा था कि या तो वह माफी मांगें, अन्यथा वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
लोकसभा में सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर शुक्रवार को खान की टिप्पणियों की निन्दा की थी और साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा था कि हम असंसदीय शब्दों को रिकॉर्ड से तो हटा देते हैं, लेकिन एक बार कोई शब्द जनता में चला जाता है तो गलत संदेश जाता है। सभी सदस्यों का प्रयास होना चाहिए कि सदन की गरिमा का ध्यान रखें और ऐसे शब्द कभी बोले ही नहीं जाएं जिन्हें रिकॉर्ड से हटाना पड़े।