केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश की सोशल मीडिया नीति के खिलाफ कोर्ट का रुख करने वाले वाट्सएप को जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में कहा कि भारत प्रत्येक नागरिक के निजता के अधिकार का सम्मान करता है और उसका इरादा इसका उल्लंघन करना नहीं है। उन्होंने कहा कि वाट्सएप का दिशा-निर्देशों को चुनौती देना नियमों के प्रभाव में आने से रोकने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत में चलाया जा रहा कोई भी कार्य यहां के कानून के अधीन है। वॉटसएप द्वारा दिशा-निर्देशों को नहीं मानना साफ तौर पर मानकों को चुनौती देने का कार्य है, जिसके इरादे पर निश्चित रूप से संदेह नहीं किया जा सकता है।
मूल स्रोत की जानकारी देना निजता का उल्लंघन नहीं
सरकार ने कहा है कि डिजिटल नियम के तहत वाट्सएप को चिह्नित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने के लिए कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। साथ ही सरकार ने वाट्सएप द्वारा नए नियमों को लेकर जताई गई चिंता को लेकर कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा में सोशल मीडिया कंपनियों को कानूनी तौर पर हस्तक्षेप की अनुमति देनी होती है। उन्होंने कहा कि भारत जो मांग रहा है वो अन्य देशों के मुकाबले कम है।
वाट्सएप का कामकाज नहीं होगा प्रभावित
साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने वाट्सएप द्वारा उठाई गई चिंता पर कहा कि नए डिजिटल नियमों से वाट्सएप के सामान्य कामकाज में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार ने कहा कि भारत में निजता एक मौलिक अधिकार है और यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से मांगी रिपोर्ट
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए अतिरिक्त जांच की जरूरत सहित अन्य नियम बुधवार से प्रभाव में आ गए हैं। साथ ही मंत्रालय ने बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से नियमों के लागू करने को लेकर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।